देश के उज्ज्वला मैन
धर्मेंद्र प्रधान देश में सबसे ज्यादा समय तक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रहे हैं। 2014 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) से 2017 में कैबिनेट मंत्री बनने और फिर 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी यही मंत्रालय उन्हें मिला। 8 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलिंडर वितिरण वाली प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की सफलता का श्रेय धर्मेंद्र प्रधान को जाता है। इस स्कीम की सफलता ने उन्हें देश में उज्ज्वला मैन की भी पहचान दिलाई है।नई नीति से निवेश और रोजगार बढ़ा
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रहते हुए धर्मेंद्र प्रधान एक नई लाइसेंसिंग नीति (हेल्प) लाए, जो सभी प्रकार के हाइड्रोकार्बन के अन्वेषण और उत्पादन के लिए एक समान लाइसेंसिंग और मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता के माध्यम से घरेलू तेल और गैस उत्पादन को बढ़ावा देती है। इस नीति से इस सेक्टर में पर्याप्त निवेश के साथ-साथ बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए। ब्रिज ईंधन, इथेनॉल, सीबीजी और बायोडीजल के रूप में गैस को बढ़ावा देने के साथ दिल्ली में हाइड्रोजन-मिश्रित सीएनजी बसों के संचालन में भी अहम भूमिका निभाई।कौशल विकास मंत्री के रूप में भी छोड़ी छाप
धर्मेंद्र प्रधान कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री भी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने युवाओं में कौशल विकास के लिए कई पहलें कीं। उनके कार्यकाल में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) की कुल संख्या में 40 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ। छात्र नामांकन में भी 28 प्रतिशत से अधिक उछाल आया। यह प्रधान ही थे, जिन्होंने स्किल साथी नाम से दुनिया के सबसे बड़े परामर्श कार्यक्रमों में से एक की शुरुआत की।चुनौतियां
प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक को रोकनानई शिक्षा नीति को पूरी तरह से लागू करना
शिक्षा और शोध में गुणवत्ता बढ़ाना
नए खुल रहे शैक्षिक संस्थानों का रेगुलेशन