वितरित पट्टों को बताया अपर्याप्त
रविन्द्र सिंह भाटी ने अपने पत्र में बताया कि हाल ही में, 2 अक्टूबर 2024 को राज्य सरकार के निर्देशानुसार सभी जिला मुख्यालयों पर विमुक्त, घुमंतु और अर्द्धघुमंतु जातियों के लिए पट्टा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम के तहत बाड़मेर जिला मुख्यालय पर शिव विधानसभा के केवल 100 परिवारों को आवासीय भूखंड के पट्टे वितरित किए गए। हालांकि, भाटी ने अपने पत्र में चिंता व्यक्त की कि यह संख्या इन समुदायों की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है। उन्होंने बताया कि इन जातियों के हजारों परिवार शिव विधानसभा क्षेत्र में निवास करते हैं, जिनके पास अभी तक आवासीय भूखंड नहीं हैं और वे आज भी खानाबदोश जीवन जी रहे हैं।
‘प्रशासन की कमी से सुविधाओं से वंचित हैं लोग’
विधायक भाटी ने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि विभागीय मॉनिटरिंग की कमी और फील्ड स्तर के कर्मियों की उदासीनता के चलते हजारों परिवार अब तक इस योजना के लाभ से वंचित रहे हैं। ये परिवार पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और इनके पास स्थायी आवास नहीं हैं। जोगी, कालबेलिया, सांसी, लोहार, लंगा, मंगणियार जैसी जातियों के साथ-साथ पाक विस्थापित परिवारों की स्थिति भी बेहद गंभीर है। इन सभी परिवारों को सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे वे अपने जीवन के बुनियादी अधिकारों से वंचित हो रहे हैं।
विस्थापित परिवारों का चिन्हीकरण हो- भाटी
CM मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए रविन्द्र सिंह भाटी कहा कि इन जातियों और पाक विस्थापित परिवारों के पुनः चिन्हीकरण के लिए आदेश जारी किए जाएं ताकि सभी वंचित परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा, “इन परिवारों की दशा को देखते हुए यह जरूरी है कि सरकार द्वारा पुनः चिन्हीकरण की प्रक्रिया को तेज किया जाए और ऐसे परिवारों को पट्टे दिए जाएं, जो आज भी बिना जमीन और स्थायी आवास के संघर्ष कर रहे हैं।”
रविन्द्र सिंह भाटी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का धन्यवाद भी व्यक्त किया, कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर तुरंत ध्यान दिया और कई परिवारों को पट्टा वितरण के माध्यम से राहत प्रदान की। इसके साथ ही, उन्होंने अपील की कि विभागीय परिपत्र में उल्लेखित जातियों के अलावा अन्य वंचित जातियों और पाक विस्थापित परिवारों को भी इस योजना में शामिल किया जाए।
भाटी ने सीएम को दिया ये सुझाव
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर इन वंचित परिवारों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि अधिक से अधिक परिवार इस योजना का लाभ उठा सकें। उनका मानना है कि इन परिवारों को राहत प्रदान करना न केवल उनकी सामाजिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें स्थायी आवास और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त करने में भी सहायता करेगा, जो उनकी ज़िंदगी को स्थिर और सुरक्षित बनाएगा।