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मद्रास हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजर, करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाया जाएगा या नहीं

द्रविड़ राजनीति के पुरोधा करुणानिधि को दफनाने को लेकर एआईएडीएमके बनाम डीएमके की राजनीति चरम पर।

Aug 08, 2018 / 08:24 am

Dhirendra

karumanidhi

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नई दिल्‍ली। डीएमके ने तमिल राजनीति के महान स्‍तंभ एम करुणानिधि को मरीना बीच पर अंतिम संस्‍कार के लिए जगह मांगी थी लेकिन राज्‍य सरकार ने वहां पर जगह मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। उसके बाद ने करुणानिधि के अंतिम संस्‍कार की जगह को लेकर विवाद पर विवाद खड़ा हो गया। इस बात को लेकर मंगलवार रात को प्रदेश सरकार के इस निर्णय से नाराज उनके समर्थकों ने चेन्‍नई में देर रात तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम दिया। दूसरी तरफ डीएमके ने इस बात को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में अपील की। डीएमके की अपील पर सुबह आठ बजे मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। यही कारण है कि सभी की नजर हाईकोर्ट के निर्णय पर जाकर टिक गई है।
हाईकोर्ट ने देर रात लगाई अदालत
डीएमके की अपील पर चेन्‍नई हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्‍य न्‍यायाधीश के घर पर दो जजों की बेंच के सामने देर रात अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जब दो जजों की बेंच जब सरकार की ओर से जवाब मांगा तो सरकारी पक्षकरों ने ने जवाब देने के लिए सुबह तक का वक्‍त मांग लिया। इससे पहले आधी रात के बाद तक इस मामले पर हंगामा हुआ।
आज चेन्‍नई पहुंचेगे पीएम मोदी
करुणानिधि निधन के तुरंत बाद पीएम मोदी ने शोक व्‍यक्‍त किया और उन्‍हें देश का एक महान राजनेता करार दिया। पीएम मोदी आज उनका अंतिम दर्शन करने चेन्‍नई जाएंगे। इसके आलवा कई राजनेताओं और अभिनेताओं ने मरीना बीच पर अंतिम संस्‍कार में शामिल होने की पैरवी की है। इनमें रजनीकांत, सिद्धार्थ व विशाल जैसे तमिल एक्‍टर भी शामिल हैं। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, फारूक अब्‍दुल्‍ला, रजनीकांत जैसे राजनेताओं ने भी कार्यक्रम में भी शामिल होने होंगे।
याचिका वापस
करुणानिधि के अंतिम संस्‍कार विवाद में नया मोड़ आया है. मरीना बीच पर अंतिम संस्‍कार के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले दुरईस्‍वामी ने अपनी याचिका वापस ले ली है। उन्‍होंने जयललिता का अंतिम संस्‍कार मरीना बीच पर करने के खिलाफ याचिका डाली थी। इसी के आधार पर तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच परअंतिम संस्‍कार की अनुमति देने से मना किया था।
पटेल रोड पर सरकार जमीन देने को तैयार
दूसरी तरफ तमिलनाडु सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि मरीना बीच पर अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दी जा सकती। तमिलनाडु सरकार ने करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए गांधी मंडपम के पास अंतिम संस्कार करने के लिए जगह दी है। सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। इसलिए सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जमीन उनके अंतिम संस्‍कार के लिए देने के लिए तैयार है।
डीएमके समर्थक नाराज
डीएमके इससे खुश नहीं है उसने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया। डीएमके के ए श्रवणन ने बताया कि सरकार उनके नेता को जमीन नहीं दे रही है। हम मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के घर अपील के लिए जा रहे हैं। सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह देने को अनिच्छुक है क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे। मरीना बीच पर जयललिता और एमजी रामचंद्रन जैसे बड़े नेताओं का अंतिम संस्कार किया गया था। यही कारण है कि करुणानिधि के समर्थक तमिलनाडु के इतने बड़े कद के नेता को मरीना बीच जैसे महत्वपूर्ण जगह न देने पर निराश होंगे। आपको बता दें कि तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि का कल शाम को निधन हो गया था। कावेरी अस्‍पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शाम छह बजकर 10 मिनट पर उन्‍होंने अंतिम सांस ली। अस्‍पताल ने बयान जारी कर कहा कि डॉक्‍टर्स और नर्सों ने उन्‍हें बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन करुणानिधि को बचाया नहीं जा सका।

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