गोरमघाट का सफर आपको हमेशा किसी हिल स्टेशन का अहसास दिलाता है। यहां की घुमावदार मीटरगेज रेलवे लाइन, हरियाली से भरपूर मनभावन पहाडिय़ां, बंदरों की टोलियां, छोटे से हिस्से के दौरान बड़े बड़े आदमकद पुलों से ट्रेन का गुजरना और बड़ी-बड़ी खाई, चारो ओर की हरियाली, नीचे झरनों से बहता कल-कल पानी, बीच पहाड़ों में पगडण्डी के रास्ते से पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित गोरखनाथ का मंदिर हमेशा लुभाता है। ट्रेन के पुलों से गुजरने के दौरान बीच में स्थित जोगमण्डी नाम का मंदिर और उसके पास स्थित झरना प्रकृति का अनुपम सौंदर्य लिए हुए है।
कोरोना की वजह से ट्रेन मिलेगा ट्रेन का आनन्द
कोरोना महामारी के चलते ट्रेनो का अवागमन बंद किया हुआ है। जिसकी वजह से यह मीटरगेज ट्रेन बंद है। हर वर्ष इस मौसम में यह ट्रेन यात्रियों व पर्यटकों से खचाखच भरी होती है। हालांकि निजी वाहन से लोग पर्वतसिंह की धुणी पहुंच कर वहां से पैदल गोरमघाट पहुंच सकते हैं। परन्तु जो सफर का मजा ट्रेन मे मिलता है वो इस बार नहीं मिल पाएगा।