जैतारण थाना प्रभारी धोलाराम परिहार ने बताया कि 12 नवबर रात्रि में निबेडा कलां में गोचर भूमि में शव मिलने की सूचना पर पुलिस पहुंची। मृतक की पहचान कचरूराम नायक गांव निबेडा कलां के रूप में हुई। मृतक की मां ने बताया कि उसका पुत्र 12 नवबर से लापता था और सुबह उसकी लाश मिली। कचरूराम के गर्दन पर वार कर उसकी निर्मम हत्या की गई। प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका पर टीम का गठन किया।
पाली पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू की। सूचनाओं का विश्लेषण करने पर पुलिस को मृतक की पत्नी की भूमिका संदिग्ध लगी। टीम ने साक्ष्य जुटाने के पश्चात मृतक की पत्नी व हत्या में उसके सहयोगी भूपेन्द्र सेन उर्फ राजू को गिरफ्तार किया।
मोटरसाइकिल पर शव को जंगल में फेंका
पुलिस ने बताया कि कचरूराम की हत्या के बाद उसके शव को आरोपी ने मोटरसाइकिल पर रखा तथा उसकी पत्नी उसे पीछे पकड़ कर बैठ गई तथा सूनसान इलाके में फेंक दिया। सुबह शव मिलने पर मृतक की पत्नी ने रोने का नाटक किया। पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए घटना का पर्दाफाश कर मृतक की पत्नी किरण व भूपेन्द्र सेन उर्फ राजू पुत्र कृष्णलाल उर्फ किशनलाल निवासी निबेड़ाकला को गिरफ्तार किया। टीम में धोलाराम थानाधिकारी जैतारण, राजदीपेन्द्र सिंह थानाधिकारी बर, दीपाराम उनि जैतारण, सोहनसिंह उनि, राजेन्द्र सिंह एचसी, बजरंग त्रिपाठी एचसी, राजाराम कानि, सुरेश कानि, दिलीप कानि सहित पुलिस टीम की भूमिका रही। शराब पीकर झगड़ता था, पत्नी की पड़ोसी से हुई मित्रता
पुलिस जांच में पाया कि कचरूराम शराब के नशे में उसकी पत्नी से आए दिन मारपीट करता था। तभी मृतक की पत्नी की पड़ोसी भूपेन्द्र सेन उर्फ राजू से दोस्ती हो गई। दोनों ने कचरूराम को रास्ते से हटाने के लिए उसकी हत्या की योजना बनाई। बाद में 12 नवबर देर रात्रि दोनों ने कचरूराम की उसके घर में नींद में सोते हुए पर कूट से वार कर हत्या कर दी। साक्ष्य मिटाने के लिए खून से सने कपड़ों को जला दिया।