सामाजिक कार्यकर्ताओं की ली मदद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सलारिया को यहां के लोगों के स्थिति के बारे में सोशल मीडिया से जानकारी मिली थी। प्रांत के थारपरकर जिले की दुर्दशा जानकर उन्होंने स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी और इलाके में करीब 62 हैंडपंप लगवाए। इतना ही नहीं, इलाके में भूखमरी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए लोगों को अनाज भी मुहैया कराया।
दुबई में परिवहन कारोबारी हैं सलारिया
बता दें कि सलारिया साल 1993 से संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे हैं, जहां उनका परिवहन का कारोबार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक और यूट्यूब की मदद से उन्होंने समाजिक कार्यकर्ताओं से संपर्क साधा। वहीं से आर्थिक मदद भी मुहैया कराई। दुबई के स्थानीय अखबार ने अपने रिपोर्ट में सलारिया के हवाले से लिखा, ‘पुलवामा घटना के बाद जिस वक्त भारत-पाक के बीच चरम पर तनाव था, उस वक्त इन गरीब गांवों में हैंडपंप लगाने का काम जारी था।’ रिपोर्ट में बताया गया कि कारोबारी से जिले के लोगों की दुर्दशा और लोगों की दयनीय हालता देखा नहीं गया।
फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद से भारत-पाक रिश्तों में बढ़ी दरार
गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला कर दिया था, जिसमें भारत के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले को अंजाम देनेवाले आंतकी