क्यों बैन हटवाना चाहते हैं ट्रंप
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि टिकटॉक को बैन करने की जगह ऐसा समाधान निकालना चाहिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा और TikTok के 170 मिलियन अमेरिकी यूजर्स के हितों की रक्षा करेगा। इसके अलावा कहा गया कि “राष्ट्रपति ट्रंप इतिहास में सोशल मीडिया के सबसे शक्तिशाली, विपुल और प्रभावशाली यूजर्स में से एक हैं। वर्तमान में उनके TikTok पर 14.7 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं जिनके साथ वे सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं और उनसे बातचीत करते हैं।
बाइडेन प्रशासन ने दिया ये तर्क
डोनाल्ड ट्रंप के TikTok पर से बैन हटाने की बात पर जो बाइडेन के प्रशासन ने तर्क दिया है कि ये कानून अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए जरूरी है। TikTok पर चीनी सरकार का नियंत्रण है जो अमेरिका और अमेरिकियों के लिए एक खतरे की घंटी है। क्योंकि इससे डेटा सिक्योरिटी के लीक होने का खतरा है। ये एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जो करोड़ों अमेरिकियों के निजी जानकारी को इकट्ठा करता है और चीन को अमेरिका के खिलाफ एक शक्तिशाली हथियार दे सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन की सरकार ने प्रतिबंध वाले कानून का बचाव करते हुए TikTok के कंटेंट क्रिएटर्स और यूजर्स की तरफ से जिनका तर्क है कि ये उनके पहले संशोधन अधिकारों का उल्लंघन करता है।
10 जनवरी को होगी सुनवाई
बता दें कि कोर्ट ने 10 जनवरी को TikTok पर सुनवाई के लिए एक विशेष सत्र निर्धारित किया है। इसमें कोर्ट TikTok के मामले और प्लेटफ़ॉर्म के क्रिएटर्स और यूजर्स की दायर एक अलग मामले पर दलीलें सुनेगा।
क्य़ा है बैन करने वाला कानून
गौरतलब है कि जिस कानून के तहत TikTok को बैन किया हुआ है। इसके मुताबिक TikTok की मूल कंपनी बाइटडांस को इस ऐप के अमेरिकी परिचालन को बेचना होगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो इस ऐप को बैन करना होगा। सरकार का तर्क है कि TikTok की स्वामित्व संरचना, जिसमें चीन से बाइटडांस का नियंत्रण शामिल है, चीनी सरकार के अनुचित प्रभाव के लिए उजागर करती है। बाइटडांस को केमैन आइलैंड्स में शामिल किया गया है, जिसका मुख्यालय बीजिंग में है, ये चीनी नियमों के अधीन है। बताया जा रहा है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 19 जनवरी की समय सीमा से पहले आने की उम्मीद है।