निगमबोध घाट पर हुआ डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर नई दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित निगमबोध घाट पहुंचा। जहां उनका पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई नेता और अधिकारी मौजूद रहे। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की थी और डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर करने का अनुरोध किया था, जहां उनका स्मारक बनाया जा सके।खड़गे ने कहा था कि स्मारक एक ऐसे नेता के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, जो साधारण पृष्ठभूमि से उठकर एक महान राजनेता बन गए।
ओबामा समेत कई वैश्विक नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
इसके पहले कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हॉर्पर ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया था। स्टीफन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा था, ” मुझे अपने पूर्व सहयोगी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। वे असाधारण बुद्धि, ईमानदारी और ज्ञान के धनी थे। लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
जब मनमोहन सिंह बोलते थे, पूरी दुनिया सुनती थी
वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा था कि डॉ. मनमोहन सिंह जब बोलते थे तब पूरी दुनिया शांत होकर सुनती थी। मनमोहन सिंह बेहद सॉफ्ट हार्ट के अर्थशास्त्री थे। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को आधुनिकता से जोड़ा और उसे एक ऐसी ऊंचाई में लाए जहां से भारत ने विकास की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की। बराक ओबामा ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह की सफेद दाढ़ी और पगड़ी उनके सिख धर्म की पहचान थी लेकिन अमेरिका समेत पश्चिमी देशों में उन्हें एक पवित्र व्यक्ति की नजरों से देखा गया था।
भारत ने अपने शानदार बेटे को खो दिया- हामिद करजई
इनके अलावा मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी मनमोहन सिंह को याद किया। हामिद करजई ने अपने X पोस्ट पर लिखा था कि “भारत ने अपने सबसे शानदार बेटों में से एक को खो दिया है। डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक अटूट सहयोगी और मित्र थे। मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं।”