उत्तरी पाकिस्तान की हुंजा घाटी में रहने वाले इन लोगों का लंबे समय तक जवान और स्वस्थ जिंदगी वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय रही है। हुंजा समुदाय के तौर-तरीकों को लेकर कनई शोध हुए हैं और इन पर कई किताबें भी लिखी जा चुकी हैं। इन पर लिखी गईं किताबों में जेआई रोडाल की द हेल्दी हुंजास और डॉ. जो क्लार्क की द लाॅस्ट किंगडम ऑफ द हिमालयाज सबसे ज्यादा मशहूर हैं।
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पाकिस्तान की हुंजा वैली में रहने वाली महिलाएं अपनी उम्र से कई साल छोटी दिखती हैं। 80 साल की उम्र में भी उन्हें काफी जवां देखा जा सकता है। इतना ही नहीं वे 65-70 साल की उम्र तक बच्चों को जन्म दे सकती हैं, जबकि आम तौर पर महिलाएं 50-55 की उम्र तक बच्चे पैदा करने की क्षमता खो देती हैं।
कहते हैं पहली बार हुंजा लोगों के लंबे जीवन की बात तब सामने आई थी, जब एक शख्स ने ब्रिटेन में वीजा के लिए आवेदन किया था और 1984 में उसकी पैदाइश पासपोर्ट पर 1832 लिखी हुई थी। इस जगह की खासियत ये भी है कि पाकिस्तान के बाकी इलाकों में भले ही महिलाओं को पढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ता हो लेकिन यहां उन्हें लड़कों की ही तरह शिक्षा दी जाती है।
हुंजा समुदाय में महिलाएं पढ़ी-लिखी होने के साथ ही खूबसूरत भी होती हैं। इनकी खूबसूरती कम नहीं होने की वजह ये बताते हैं कि वे हिमालय के ग्लेशियर से पिघला हुआ पानी पीती हैं और उसी से नहाती हैं। इस पानी में खूब मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं।
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पाकिस्तान में बसे हुए इस समुदाय के लोग मुस्लिम धर्म का पालन करते हैं। इनके समुदाय को बुरुशो कहा जाता है और ये बुरुशास्की भाषा बोलते हैं। इन लोगों की लाइफस्टाइल को देखने के लिए हुंजा घाटी में सैलानी पहुंचते हैं।