दोषी होने के बावजूद ट्रंप हुए बिना शर्त बरी
न्यूयॉर्क की अदालत के जज मर्चेन ने हश मनी मामले में फैसला सुनाते हुए ट्रंप को बिना शर्त बरी कर दिया। ट्रंप वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए फैसले की सुनवाई से जुड़े थे और दोषी होने के बावजूद उन्हें कोई सज़ा नहीं दी गई। जज मर्चेन ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि वह ट्रंप को जेल भेजने के पक्ष में नहीं है। मर्चेन ने फैसला सुनाने के दौरान ट्रंप से यह भी कहा कि उनके साथ सामान्य आरोपी की तरह ही बर्ताव किया गया।
आपराधिक रिकॉर्ड वाले पहले राष्ट्रपति होंगे ट्रंप
हश मनी मामले में न्यूयॉर्क की अदालत ने भले ही ट्रंप को बिना शर्त के बरी कर दिया गया हो, पर उन पर लगे दोष को नहीं हटाया गया। ट्रंप को पहले ही हश मनी मामले में दोषी घोषित किया जा चुका है। ट्रंप 20 जनवरी को एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे, जिसमें अब 9 दिन ही बाकी हैं। ऐसे में ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिनके खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड है। ट्रंप से पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ पद पर रहते या पद से हटने के बाद आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज नहीं हुआ है।
क्या है हश मनी मामला?
2006 में एक गोल्फ टूर्नामेंट के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स की ट्रंप से मुलाकात हुई थी और दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। डेनियल्स ने अपनी किताब में इस बारे में बताया है। 2016 में ट्रंप ने जब अमेरिका के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा, तब अपने चुनावी अभियान के डेनियल्स से दोनों के संबंध के बारे खुलासा करने से मना किया। इसके लिए ट्रंप ने डेनियल्स को हश मनी के तौर पर 1,30,000 डॉलर्स भी दिए थे। ट्रंप नहीं चाहते थे कि इस मामले में उनकी छवि खराब हो। हालांकि बाद में डेनियल्स ने ट्रंप से अपने संबंध के बारे में खुलासा करते हुए हड़कंप मचा दिया।