एआई पर भारत से वार्ता करना चाहता है फ्रांस
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने इस सम्मलेन के बारे में जानकारी देने और पीएम मोदी के इसमें शामिल होने के बारे में बताने के साथ ही यह भी बताया कि फ्रांस एआई के विषय पर भारत से वार्ता करना चाहता है। भारत और फ्रांस के बीच काफी अच्छे संबंध हैं और दोनों कई सेक्टर्स में पार्टनर्स भी हैं। ऐसे में निकट भविष्य दोनों देश एआई सेक्टर में भी साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
क्या है एआई सम्मेलन का उद्देश्य?
टेक्नोलॉजी के तेज़ी से विकसित होते दौर में एआई भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। कुछ ही समय में एआई काफी एडवांस्ड हो चुका है और दुनिया के कई देश इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में फ्रांस में 10-11 फरवरी को आयोजित होने वाले एआई सम्मेलन में दुनियाभर के कई देशों के लीडर्स हिस्सा लेंगे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इसके इस्तेमाल पर गहराई से विचार-विमर्श करेंगे। इस दौरान एआई के सही इस्तेमाल पर भी चर्चा होगी और साथ ही गलत कामों के लिए एआई के इस्तेमाल को कैसे रोका जाए, इस पर भी वार्ता की जाएगी। इस सम्मेलन में ग्लोबल लीडर्स के साथ ही दूसरे शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी, कई बड़ी टेक और एआई से जुड़ी कंपनियों के सीईओ, एजुकेशन सेक्टर के अहम लोग और अन्य कई अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
हो सकती हैं अहम डिफेंस डील्स
पीएम मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान मैक्रों के साथ उनकी भारत और फ्रांस के बीच दो अहम डिफेंस डील्स भी हो सकती हैं। इन दोनों डील्स के तहत भारतीय सेना के लिए 26 राफेल-एम फाइटर जेट्स और तीन स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियाँ खरीदी जा सकती हैं।