चोपड़ा थ्रो के चौथे राउंड के अंत तक चौथे स्थान पर थे, और वह अपने पांचवें थ्रो में 85.58 मीटर की थ्रो के साथ शीर्ष तीन में पहुंच गए और अगले महीने ब्रुसेल्स में होने वाले डायमंड लीग 2024 के फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया। चौथा स्थान यूक्रेन के अर्तुर फेलनर ने हासिल किया, जिनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 83.38 मीटर था।
इससे पहले पेरिस ओलंपिक में, हालांकि चोपड़ा स्वर्ण नहीं जीत सके, फिर भी उन्होंने भारत के लिए इतिहास रचा, पहलवान सुशील कुमार के बाद ओलंपिक में लगातार पदक जीतने वाले दूसरे पुरुष और कुल मिलाकर तीसरे खिलाड़ी बने, सुशील ने 2008 और 2012 के ओलंपिक खेल कांस्य और रजत पदक जीता। पी.वी. सिंधु लगातार ओलंपिक में पदक जीतने वाली अन्य भारतीय हैं, 2016 में रियो में रजत और टोक्यो 2020 में कांस्य पदक।
पेरिस में, चोपड़ा ने 89.45 मीटर तक भाला फेंका, जो 87.58 मीटर में स्पष्ट सुधार था जिसने उन्हें टोक्यो में स्वर्ण पदक दिलाया, लेकिन यह मौजूदा विश्व चैंपियन और डायमंड लीग फाइनल विजेता पाकिस्तान के अरशद नदीम के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ, जो उनके अच्छे दोस्त हैं । नदीम ने 92.97 मीटर के विशाल थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतने का ओलंपिक रिकॉर्ड बनाकर उन्हें पीछे छोड़ दिया।