ये तीनों ही खिलाड़ी ऐसे हैं जिनसे लोग कुछ सीखते हैं और उनके जैसा बनना चाहते हैं। क्रिकेटर ही क्यों, किसी भी सेलेब्रिटी से इस तरह के बर्ताव की अपेक्षा नहीं की जा सकती। सही मायने में इन्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए क्योंकि ऐसे बर्ताव से तो वे लोगों द्वारा उनको दिए गए सम्मान का भी मजाक उड़ा रहे होते हैं। वायरल हुए इस वीडियो में हरभजन, युवराज सिंह व रैना एक लोकप्रिय हुए गाने पर डांस करते हुए लंगड़ाते हुए अपनी पीठ पकड़े दिखाई दे रहे हैं, यह बताने के लिए कि मैच का उनके शरीर पर कितना बुरा प्रभाव पड़ा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया यह वीडियो डिलीट किया जा चुका है, पर जो हुआ उसके लिए ऐसा कंटेंट अपलोड करने की अनुमति देने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी कम जिम्मेदार नहीं हैं।
दिव्यांगों ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। शास्त्रीय नृत्यांगना सुधा चन्द्रन ने भरतनाट्यम में नाम कमाया। रवीन्द्र जैन गीत-संगीत को नई ऊंचाइयों तक ले गए। कैंसर चिकित्सक डॉ. सुरेश आडवानी ने दुनिया में भारत का परचम लहराया। वहीं रेल हादसे में अपना एक पैर गंवाने वाली अरुणिमा सिंह ने माउण्ट एवरेस्ट फतह कर पर्वतारोहियों के लिए आदर्श कायम किया। चुनाव आयोग तक ने पिछले दिनों राजनीतिक दलों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में दिव्यांगों का उपहास उड़ाने वाले शब्दों का चुनावी सभाओं में इस्तेमाल प्रतिबंधित कर दिया था। चौतरफा आलोचना के बाद हरभजन सिंह ने तो अपने कृत्य के लिए माफी भी मांग ली है, पर युवराज सिंह और सुरैश रैना की चुप्पी हैरान करने वाली है। दिव्यांगों से जुड़े कानून-कायदे तो खूब हैं पर लोगों के इस हद तक दुस्साहस की वजह कानून-कायदों की सख्ती से पालना न होना ही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि अपने फॉलोअर्स की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोई भी सेलेब्रिटी भविष्य में ऐसा बर्ताव नहीं करेगी।