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ओपिनियन

शिक्षा की गुणवत्ता में कमी

आज यदि शिक्षा विभाग द्वारा स्टेट में सभी विद्यालयों का सही तरीके से
भौतिक सत्यापन वापस किया जाए तो पता चल जाएगा की राज्य में कितनी अवैध
स्कूल संचालित की जा रही हैं

Dec 18, 2016 / 05:31 pm

जमील खान

Govt School

Govt School

देश में कई जगह पर ऐसे निजी विद्यालय चल रहे हैं जोमान्यता प्राप्त करने के पूरे मापदंड भी ठीक से पूरे नहीं करते हैं। ऐसे सभी विद्यालय मिलीभगत से चल रहे हैं और साथ ही में ऐसे विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए मूलभूत सुविधाए भी नहीं है। ऐसे कई विद्यालय तो किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं। ऐसे विद्यालयों का तो भौतिक सत्यापन भी नहीं हो पाता है क्योंकि अधिकारी इन विद्यालयों के भौतिक सत्यापन में कोई रुची नहीं लेते हैं।

भोतिक सत्यापन होता तो ऐसी स्कूल अवैध स्कूल की श्रेणी में आती। अब यह यह छोटी-छोटी दुकाने कहलाने लगी हैं। ऐसी स्कूल में कोई भी आठवी या दसवी पास आदमी टीचर बन कर पढ़ाने लग जाता है और इन्हें वेतन का नामे पर मिलते हैं केवल कुछ सौ या हजार रूपये और फिर ऐसे ही अयोग्य अध्यापक ही शिक्षा के क्षेत्र को बदनाम कर देते हैं और फिर यह स्कूल न होकर दूकान का रूप ले लेते हैं।

यह स्कूलों में केवल पैसे कमाने के साधन बनके रह गए हैं। आज यदि शिक्षा विभाग द्वारा स्टेट में सभी विद्यालयों का सही तरीके से भौतिक सत्यापन वापस किया जाए तो पता चल जाएगा की राज्य में कितनी अवैध स्कूल संचालित की जा रही हैं। सरकार को एक अभियान चलाकर ऐसी स्कूल को बंद करवा देना चाहिए जो कि शिक्षा विभाग के नियमो के अनुसार नहीं चल रही हैं, जो जर्जर भवनों में चल रही हैं जहां पर बैठने और पढने की सही सुबिधा नहीं है और जहां पर पीने का पानी उपलब्ध नहीं है या फिर जहां पर विद्यार्थी के साथ मार-पीट करते हैं। फीस के नाम पर मोटी वसूली करते हैं। इन विद्यालयों ने शिक्षा के स्वरुप को बिगाड़ दिया है। ऐसे विद्यालयों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

मोनिका लांबा

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