scriptडॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम – युवाओं के लिए सतत् प्रेरणास्रोत | Patrika News
ओपिनियन

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम – युवाओं के लिए सतत् प्रेरणास्रोत

“सपने वो नहीं होते जो हम सोते वक्त देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।”

जयपुरOct 14, 2024 / 06:21 pm

विकास माथुर

Dr. A.P.J. Abdul Kalam addressing the nation on the eve of 58th Republic Day.

— प्रो.(डॉ.) हेमन्त पारीक
(प्राचार्य, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राजकीय कन्या महाविद्यालय, गंगापोल, जयपुर)

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें ‘मिसाइल मैन’ के नाम से जाना जाता है, न केवल भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक थे, बल्कि वह युवाओं के लिए एक अपार प्रेरणा का स्रोत भी थे। उनका जीवन संघर्ष, सफलता और साधारण से असाधारण बनने की कहानी है। 15 अक्टूबर 1931 को एक छोटे से गांव में जन्मे कलाम ने विज्ञान के क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया और भारत को विश्व मंच पर एक शक्ति के रूप में स्थापित किया। लेकिन इससे भी बड़ा योगदान उन्होंने भारत के युवाओं के मन में प्रेरणा और आत्मविश्वास का बीज बोने में किया।
भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में
डॉ. कलाम का यह दृढ़ विश्वास था कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथों में है और अगर उन्हें सही दिशा दी जाए तो वे न केवल अपनी व्यक्तिगत प्रगति करेंगे, बल्कि देश को भी नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। यही कारण है कि उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा शिक्षा और युवाओं को प्रेरित करने में समर्पित किया।
युवाओं के साथ विशेष जुड़ाव
डॉ. कलाम का युवाओं के प्रति विशेष जुड़ाव था। वे हमेशा छात्रों के बीच रहना पसंद करते थे और उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने की. प्रेरणा देते थे। वह यह मानते थे कि युवा पीढ़ी के भीतर नवाचार, संकल्प और परिश्रम की भावना जगानी चाहिए, ताकि वे देश की उन्नति में अपना योगदान दे सकें। उनके अनुसार, “यदि हम अपने देश को प्रगति की राह पर ले जाना चाहते हैं, तो हमें सबसे पहले अपने युवाओं को सशक्त बनाना होगा।”
बड़े सपने देखें
डॉ. कलाम ने जीवन भर छात्रों से यही कहा कि उन्हें बड़े सपने देखने चाहिए। उनके अनुसार, “सपने वो नहीं होते जो हम सोते वक्त देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते।” यह संदेश उन्होंने लाखों छात्रों तक पहुँचाया और उन्हें अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।
शिक्षा में प्रेरणा का बीज
डॉ. कलाम ने शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणा का बीज बोने का कार्य किया। उन्होंने युवाओं को केवल किताबी ज्ञान देने के बजाय उन्हें व्यावहारिक ज्ञान और जीवन के वास्तविक उद्देश्यों से जोड़ने की प्रेरणा दी। उनके अनुसार, “शिक्षा का असली उद्देश्य सिर्फ डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि अपने भीतर आत्मविश्वास और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है।”
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस हो युवा
वह यह मानते थे कि शिक्षा के माध्यम से ही एक राष्ट्र को विकसित किया जा सकता है और इसके लिए युवाओं को केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें सोचने, सवाल पूछने और नवाचार करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उनका यह मानना था कि युवा पीढ़ी को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लैस करना जरूरी है ताकि वे आने वाले समय में भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बना सकें।
“मैं एक शिक्षक हूँ” – कलाम की विनम्रता
डॉ. कलाम ने हमेशा खुद को एक शिक्षक के रूप में देखा। जब वह भारत के राष्ट्रपति बने, तब भी उन्होंने शिक्षा और छात्रों के साथ जुड़े रहने का प्रयास किया। उन्होंने कई विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में जाकर छात्रों से मुलाकात की और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वह छात्रों के सवालों का जवाब बड़ी विनम्रता और गंभीरता से देते थे और उन्हें हमेशा प्रेरित करते थे कि वे अपने जीवन में निरंतर सीखते रहें। उनका मानना था कि एक शिक्षक का कार्य सिर्फ जानकारी देना नहीं होता, बल्कि छात्रों को प्रेरित करना और उनके भीतर आत्मविश्वास जगाना भी होता है। उनका कहना था, “यदि आप युवा पीढ़ी के भीतर नवाचार और सपने देखने की शक्ति को जागृत कर सकते हैं, तो आप एक महान शिक्षक हैं।”
युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास
डॉ. कलाम ने हमेशा युवाओं के लिए काम किया, उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल कीं। वह कहते थे कि प्रत्येक युवा के भीतर अनंत संभावनाएं होती हैं और हमें उन्हें सही मार्गदर्शन देने की आवश्यकता होती है। देश की तरक्की के लिए आवश्यक है कि युवाओं के पास विज्ञान, तकनीक और नवाचार का ज्ञान हो। यही कारण है कि उन्होंने ‘विजन 2020’ का सपना देखा, जिसमें उन्होंने युवाओं के लिए एक ऐसी भारत की कल्पना की थी जो आत्मनिर्भर, विकसित और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी हो।
छात्र, स्वयं को बेहतर बनाने के लिए करें अध्ययन
डॉ. कलाम के व्याख्यान और संवाद प्रेरणादायक होते थे। वह यह मानते थे कि शिक्षा का असली मकसद सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि जिज्ञासा और नवाचार की भावना को बढ़ावा देना होता है। वह हमेशा कहते थे कि छात्र सिर्फ अंक पाने के लिए पढ़ाई न करें, बल्कि नई चीजें सीखने और खुद को बेहतर बनाने के लिए अध्ययन करें। उनके संवादों में उनकी सरल भाषा और स्पष्ट दृष्टिकोण हमेशा छात्रों के मन में एक गहरा प्रभाव छोड़ते थे। वह कहते थे, “अपना सपना बड़ा रखो और उसे पाने के लिए कठिन परिश्रम करो।” उनके ये शब्द आज भी लाखों युवाओं को प्रेरित करते हैं और उन्हें अपने लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते हैं।
युवाओं के लिए संदेश
डॉ. कलाम का जीवन हमें सिखाता है कि कोई भी सपना बहुत बड़ा नहीं होता, अगर हम उसे पाने के लिए संकल्पित हों। उनका संदेश था कि युवाओं को न केवल बड़े सपने देखने चाहिए, बल्कि उन्हें उन सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए। उनकी प्रेरणा आज भी हर युवा के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है। वह कहते थे, “अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करो और उसे प्राप्त करने के लिए पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ काम करो।” उनके विचार और उनके जीवन के अनुभव हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में सफलता पाने के लिए केवल मेहनत, समर्पण और अनुशासन की आवश्यकता होती है। उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम है।
उनके जन्मदिवस पर, हम सभी को उनके विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके सपनों को साकार करने के लिए एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए।

Hindi News / Prime / Opinion / डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम – युवाओं के लिए सतत् प्रेरणास्रोत

ट्रेंडिंग वीडियो