बाथम का कहना है कि अब उनकी प्राथमिकता प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा रहेगी। महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाओं की शिकायत दर्ज करने में पुलिस द्वारा किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
तय किया लंबा सफर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ा है। दरअसल, उनका मायका शाहजहांपुर के हयातपुरा मोहल्ला में है और ससुराल कानपुर में है। वहीं नोएडा 1981 से उनकी कर्म भूमि रही है और वह 1986 में महिला उद्यमी परिषद से जुड़ीं। विमला बाथम के पति रूपनारायण बाथम देश के जाने-माने इतिहासकार हैं।
1993 में दो रुपये में ली बीजेपी की सदस्यता बता दें कि 1993 में विमला बाथम को हरियाणा से राज्यसभा सांसद रही मालती शर्मा ने 2 रुपये की भाजपा की सदस्यता दिलवाई। मालती उस समय अलीगढ़ की पूर्व सांसद शीला गौतम के विमला बाथम के घर आई थीं। शीला गौतम उस समय महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष थीं और विमला बाथम के कार्य को देखते हुए उन्हें प्रदेश की कार्यकारिणी में शामिल किया था।
राजनाथ सिंह के बेटे के लिए छोड़ी थी सीट नोएडा के विधायक डॉ. महेश शर्मा द्वारा 2014 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल किए जाने के बाद उपचुनाव हुआ। जिसमें भाजपा की ओर नोएडा विधानसभा से विमला बाथम को टिकट दिया गया था। जिसमें उन्होंने जीत भी हासिल की। वहीं 2017 विधानसभा चुनाव में नोएडा से गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह को दिया गया। पार्टी के इस फैसले को विमला बाथम ने बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिया।