मंदिर में तेज गर्जना के साथ हुआ कुछ ऐसा, देखने वालों ने कहा- ये है भगवान का असली चमत्कार उल्लेखनीय है कि बीती पांच अप्रैल को सेक्टर-132 स्थित स्टेप बाई स्टेप स्कूल में लंच के समय स्कूल की कैंटीन से आलू के पराठे खाकर सौ से अधिक बच्चे बीमार हो गए थे। बताया जाता है कि इनमें चार टीचर भी शामिल थे। फूड प्वाइजनिंग होने से बीमार बच्चों को इलाज के लिए किसी अस्पताल में भेजने के बजाय स्कूल प्रबंधन ने मैक्स, अपोलो और जेपी अस्पताल के डाक्टरों को स्कूल में ही बुलाकर इलाज कराना चाहा। बाद में कुछ बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने पर डाक्टरों की सलाह पर उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया। इस घटना की जानकारी पांच अप्रैल की शाम को स्कूल परिसर से बाहर आई। एक्सप्रेस वे थाने के प्रभारी के अलावा सीओ और डीएम के निर्देश पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट को भी स्कूल परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट महेंद्र कुमार सिंह ने घटना की एफआईआर दर्ज कराई। रिपोर्ट में घटना को छुपाने, सरकारी
काम में बाधा डालने और जहरीला खाद्य पदार्थ परोसने का आरोप लगाया गया है। एसएसपी डॉ. अजय पाल शर्मा का कहना है कि सभी बच्चों की हालत अब ठीक है। मुकदमा पहले ही पंजीकृत किया जा चुका है। हालांकि प्रशासन को स्कूल की तरफ से भेजे गए माफीनामे पर उनका कहना है कि जांच अधिकारी का काम है निष्पक्ष जांच करना। जांच में जो सही होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन के सख्त रवैये को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर माफी मांगी है। पत्र में घटना का पूरा विवरण लिखा गया है। अपनी सफाई में स्कूल प्रबंधन ने कहा है कि जिस समय अधिकारी स्कूल पहुंचे, उस समय ऐसा कोई अधिकारी नहीं था, जो तुरंत निर्णय ले सके। इसलिए गेट खोलने में देरी हुई। प्रशासन की ओर से जो वेरिफिकेशन और फूड सैंपलिंग कराई जा रही है, स्कूल प्रबंधन उसका सम्मान करता है। भविष्य में इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि किसी अधिकारी के साथ ऐसा बर्ताव न हो, जैसा हुआ है।