बता दें कि कोर्ट के आदेश पर हुई उच्च स्तरीय जांच में नोएडा प्राधिकरण के 26 अफसरों को ट्विन टावर्स के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार में शामिल होने का दोषी पाया गया था। इस मामले में सुपरटेक कंपनी के भी चार निदेशक और दो आर्किटेक्ट को भ्रष्टाचार में शामिल पाया गया था। यहां इस बात का उल्लेख जरूरी है कि सुप्रीम अदालत के आदेश के 362 दिन बाद 28 अगस्त-2022 को ट्विन टावर को ध्वस्त किया गया। लेकिन, जांच में दोषी पाए जाने के बावजूद अब तक अफसरों के खिलाफ कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है।
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गीडा से संबद्ध है नोएडा ट्विन टावर का आरोपी मुकेश गोयल, एक साल में कभी नहीं आया कार्यालय आखिर कौन देगा दोषियों को सजा? नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर लगभग 200 करोड़ की लागत से बनाए गए ट्विन टावर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 28 अगस्त को ढहा कर टॉवर के निर्माता कंपनी सुपरटेक को तो सजा दे दी गई। लेकिन, यह सवाल अब भी ‘सुरसा’ की तरह मुंह बाए खड़ा है कि इस भ्रष्टाचार में शामिल पूर्व सीईओ सरदार मोहिन्दर सिंह समेत उन 26 सरकारी अफसरों को कब और कौन सजा देगा?
यूपी सरकार के सूची जारी करने पर भी उठे सवाल अब सवाल यह भी है कि अब तक इस मामले की सीबीआई से जांच क्यों नहीं कराई गई? इसके साथ सोचने वाली बात ये है कि जब जांच में ये अधिकारी पहले ही दोषी साबित हो चुके हैं तो फिर यूपी सरकार का सूची जारी करने का क्या औचित्य है और ऐसा कर सरकार क्या साबित करना चाहती है?
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Noida Twin Towers का 60 हजार मीट्रिक टन मलबा बना चुनौती, मंथन के बाद बनाया ये विशेष प्लान अपर सचिव को कार्रवाई के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यालय से लिस्ट जारी करने के बाद सभी अधिकारियों के खिलाफ अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। अवस्थी ने बताया कि भ्रष्टाचार पर एक्शन जारी है। सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।