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इन 21 सीटों में से कुछ सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी लगभग तय माने जा रहे हैं। इन सीटों की संख्या आठ बताई जा रही है। इन आठ सीटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद सीट भी शामिल है। इस सीट पर 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे पूर्व क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता व कई बार के विधायक कुंवर सर्वेश सिंह को करीब पचास हजार वोटों से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में अजहरुद्दीन मुरादाबाद सीट छोड़कर राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा से चुनाव लड़े थे, जहां उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।
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अब एक बार कांग्रेस का इन्हीं सीटों पर फिर से फोकस है। मुरादाबाद लोकसभा सीट से मोहम्मद अजहरुद्दीन का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान से उनको चुनाव के लिए तैयारियां करने के लिए कह दिया गया है। जिसके बाद ही वह रातोंरात ईद पर हैदराबाद से शहर पहुंचे थे और यहां की मुख्य मस्जिद में ईद की नमाज अदा की थी। इसके बाद वे जिले के कांग्रेस व सपा नेताओं से भी मिले थे। साथ ही उन्होंने मुरादाबाद देहात सीट से सपा विधायक इकराम कुरैशी से चुनावी मंत्रणा भी की थी। इससे यह तय माना जा रहा है कि अजहरुद्दीन का टिकट मुरादाबाद से लगभग फाइनल है चाहे विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन हो या न हो।
कुशीनगर से आरपीएन सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री) , कानपुर से श्रीप्रकाश जायसवाल (पूर्व केंद्रीय मंत्री) , प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना सिंह, फतेहपुर सीकरी से राज बब्बर (प्रदेश अध्यक्ष), जौनपुर सीट से प्रमोद तिवारी, धौरहरा से जितिन प्रसाद (पूर्व केंद्रीय मंत्री) का नाम लगभग तय माना जा रहा है। इसका कारण यह है बताया जा रहा है कि कांग्रेस के पास इन सीटों पर इनसे मजबूत प्रत्याशी कोई दूसरा नहीं है।