क्या हुआ था तब आपको बता दें कि 5 दिसंबर 2017 की देर रात जब पुलिस ने गौड़ सिटी के एक फ्लैट का जब दरवाजा खेला था तो अंदर का नजारा देख लोग सहम गए थे। वहां 35 वर्षीय महिला और उनकी करीब 11 साल की बेटी के लहूलुहान शव पड़े थे। उनके पास एक बैट और धारदार हथियार मिला था। महिला के पति उस समय कहीं बाहर गए हुए थे जबकि 15 साल का बेटा भी गायब मिला था। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज में उनका बेटा वहां से निकलता देखा गया था। उसने ही अपनी मां व बहन की बेरहमी से हत्या की थी। वारदात करने के बाद वह बैग में कुछ पैसे और सामान लेकर चला गया था। इसके बाद वह चार दिन तक सात शहरों में भागता रहा। बाद में उसे वाराणसी से गिरफ्तार किया गया था।
फिर सुर्खियों में आया नाम घटना के करीब सात महीने बाद फिर उसे किशोर का नाम सुर्खियों में आया है। उसे महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से 25 हजार रुपये का पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। इसकी वजह उसकी मेहनत है। दरअसल, उसने नोएडा बाल सुधार गृह में रहते हुए सीबीएसई 10 वीं की परीक्षा सेकंड डिवीजन में पास की है। नोएडा जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सदस्य अनीत बघेल के अनुसार, महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक अलका टंडन की तरफ से इस संबंध में पत्र भेजा गया है। इसके तहत प्रथम आने वाले छात्र को 51 हजार और द्वितीय आने वाले को 25 हजार रुपये देने को कहा गया है। उनके अनुसार, अब किशोर के व्यवहार में भी काफी बदलाव आ गया है। अब वह उस घटना के बारे में कोई बात नहीं करता है जबकि दूसरे भी उससे इस संबंध में कोई बात नहीं करते हैं।
गाजियाबाद के छात्र को मिलेंगे 51 हजार रुपये उसके अलावा गाजियाबाद के एक अन्य स्टूडेंट ने नोएडा बाल सुधार गृह में रहते हुए फर्स्ट डिवीजन में एग्जाम पास किया है। उसको पुरस्कार के रूप में 51 हजार रुपये मिलेंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से सूबे के सभी बाल सुधार गृहों में पढ़ाई को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। इसके तहत 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फर्स्ट व सेकंड आने वाले 50 छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।