गाडरवारा। बीते लगभग दो साल से अधिक समय से करोड़ों रुपए की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के तहत नर्मदा जल लाने की योजना का
काम ठेकेदार के माध्यम से जारी है। शुरुआत से ही इस योजना को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं। वहीं ठेकेदार के काम करने का तरीका भी सवालों के घेरे में रहा है। पूर्व में पूरे शहर की सड़कों को किनारे एवं बीच से बुरी तरह खोद कर छोड़ दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत पूरे शहर में कुल 56 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जानी है। लेकिन अभी भी पाइप लाइन विस्तार का कार्य पूरा नहीं हुआ है। नगर के विभिन्न स्थानों पर जगह.जगह आधी.अधूरी खुदाई कर पाइप लाइन का काम बंद कर दिया गया है। महीनों गुजरने के बाद न काम आगे बढ़ाया जा रहा है और न ही खुदी पड़ी सड़कों को सुधारने की दिशा में कोई काम हो रहा है। लोगों के मुताबिक पाइप लाइन विस्तार के साथ ही लोगों के नल कनेक्शन निकालने थे एवं पाइप बिछने के बाद तत्काल सड़क को सीमेंट से समतल पूर्व पूर्ववत कराना था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और पूरे शहर में बीते बरसात के दिनों में जमकर कीचड़ गंदगी लोगों को परेशान करती रही। वही पाइपलाइन खुदाई के बाद ठीक से गड्ढे न भरे जाने से आए दिन दुर्घटनाओं का क्रम रुका भी नहीं था, कि पाइप लाइन विस्तार के तहत सड़कों को बाजू के बजाय क्रास करके खोदा जाने लगा है। इसी क्रम में अनेक व्यस्त स्थानों पर इस प्रकार की खुदाई करने से आवागमन में भारी परेशानी हो रही है। सड़क के बीचोंबीच अघोषित स्पीड ब्रेकर जैसी संरचना बन गई। नगर की पानी की टंकी के पास पलोटनगंज चौराहे के पास एवं नर्मदा कॉलोनी सहित अनेक स्थानों पर ऐसे नजारे देखे जा सकते हैं। जहां सड़क क्रॉस करके खोदने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई है। काम की गति को देखकर लगता नहीं है कि इस योजना का लाभ वर्ष 2018 के अंदर तक भी मिल पाएगा। वही योजना के औचित्य को लेकर भी शुरुआत से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं। लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा जताई है कि जनहित में तत्काल करोड़ों रुपए की सड़कों का सुधार कार्य कराया जाए, इसके बाद ही आगे का काम आरंभ करने दिया जाए। नगर की पानी की टंकी के पास पलोटनगंज चौराहे के पास एवं नर्मदा कॉलोनी सहित अनेक स्थानों पर ऐसे नजारे देखे जा सकते हैं। जहां सड़क क्रॉस करके खोदने के बाद लोगों की परेशानी बढ़ गई है। काम की गति को देखकर लगता नहीं है कि इस योजना का लाभ वर्ष 2018 के अंदर तक भी मिल पाएगा। वही योजना के औचित्य को लेकर भी शुरुआत से ही सवाल उठाए जाते रहे हैं। लोगों ने जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा जताई है कि जनहित में तत्काल करोड़ों रुपए की सड़कों का सुधार कार्य कराया जाए, इसके बाद ही आगे का काम आरंभ करने दिया जाए।
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