ग्रामीणों के अनुसार गांव में टॉवर लगाने जैसा फैसला एक अकेला व्यक्ति नहीं ले सकता है। इसके लिए ग्रामीणों की सहमति और पंचायत से भी एनओसी ली जानी आवश्यक होती है। लेकिन खारी में टॉवर कार्य के लिए किसी प्रकार की एनओसी पंचायत ने नहीं दी है। ग्रामीण भी टॉवर का शुरू से विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके तीव्रता से से टॉवर लगाने का काम किया जा रहा है, जो कि न्याय संगत नहीं है।
ग्रामीण शोभाराम शेंडे, वंदना कुरमे, दयावती कुरमे, ममता कुरमे, रामबती कुरमे, दुर्गा कुमरे सहित अन्य बताया कि घनी आबादी में टावर लगाया जा रहा है। यहां से महज 20 से 30 मीटर की दूरी पर नौनिहालों की आंगनवाड़ी और प्राथमिक मीडिल स्ूकल स्थित है। इन्होंन बताया कि उन्होंने विशेषज्ञों से पता किया है टॉवर से निकलने वाली ग्रेस मुनष्यों के अलावा पशु पक्षियों के जीवन पर बुरा असर करती है। खासकर बच्चों के मस्तिक पर बुरा असर पड़ेगा। इसलिए वे टॉवर लगाने का विरोध कर रहे हैं।
ग्रामीणों के अनुसार उन्होंने 27 सितंबर को कलेक्टर, वहीं एसडीएम, तहसीलदार लालबर्रा व थाना प्रभारी को भी शिकायत की है। लेकिन अब तक मौके पर एक अधिकारी भी नहीं पहुंचा है। बिना अनुमति लगाए जा रहे टॉवर को लेकर कोई भी जिम्मेदार गंभीर नहीं नजर आ रहा है। अब ग्रामीणों ने आंदोलन का मन बनाया है। सरपंच प्रतिनिधि कैलाश नखाते, उपसरपंच शोभाराम शेंडे, वंदना कुरमे, दयावती कुरमे, ममता कुरमे, रामबती कुरमे, दुर्गा कुरमे, सहोदरा सोनेकर, प्रतिभा गोयल, गीताबाई, हेमराज लांनगे, अशोक कुरमे, संजय, दीप्ति, संतोष सहित अन्य ग्रामीणों ने इस विषय को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है।
वर्सन
टॉवर के मामले में हम ग्रामीणों के साथ है। हमारी ओर से कोई एनओसी जारी नहीं की गई है। इस मामले में हमने कलेक्टर, एसडीएम व अन्य को शिकायत की है। टॉवर हटवाने प्रयास किए जा रहे हैं।
डिलेश्वरी नखाते,ग्राम पंचायत सरपंच