पर्यावरणविद् बाबूलाल जाजू ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश एवं एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स 2001 के तहत श्वानों का बधियाकरण नहीं होने से श्वान बढ़े। वर्ष 2020 में जुलाई से दिसंबर तक 1285, वर्ष 2021 में 2403, वर्ष 2022 में 2821 व वर्ष 2023 में जनवरी से अक्टूबर तक 2786 लोगों को श्वानों के काटने से एंटीरेबिज इंजेक्शन लगाए गए।
जाजू ने बताया कि परिषद ने आवारा श्वान पकड़ने, बधियाकरण एवं रेबीज टीकाकरण के लिए 2 करोड़ रुपए का प्रस्ताव लिया, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो सका है। जाजू ने जिला कलक्टर नमित मेहता व परिषद आयुक्त हेमाराम चौधरी से कुत्तों का बधियाकरण की मांग की है।