इस समारोह में गुजरात के 56 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विजेताओं को1.88 करोड़ से अधिक पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसमें सबसे अधिक पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्वर्ण व तीन रजक जीतने वाले तैराक आर्यन नेहरा को दिया गया। उन्हें एक करोड़ का चेक प्रदान किया गया।
संघवी ने कहा कि राज्य स्तर पर पदक जीतने के बाद संतुष्ट न होकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने का सपना देखने और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना ही सच्चे खिलाड़ी की पहचान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों को तैयार करने और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है। खेल महाकुंभ में अब तक 66 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया, जिसमें विजेताओं को राज्य सरकार 40 करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि इन स्कूल योजना के तहत गुजरात की 230 स्कूलों में करीब 500 ट्रेनर से कुल 1.20 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद का प्रशिक्षण ले रहे हैं। डीएलएसएस के तहत राज्य के 41 खेल परिसरों में 5500 से ज्यादा विद्यार्थी 21 खेलों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
एक दशक में 1627 खिलाडि़यों को पुरस्कार गुजरात सरकार ने वर्ष 2014 में खेल प्रतिभा पुरस्कार योजना लागू किया। इस योजना में वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक एक दशक में 1,627 खिलाड़ियों को 24.07 करोड़ रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए।
इस अवसर पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ गुजरात (एसएजी) के महानिदेशक आर. एस. निनामा, एसएजी के सचिव आई आर वाला, संयुक्त सचिव बी के वसावा, उप सचिव नीलेश डामोर समेत खिलाड़ी और उनके परिवारजन उपस्थित थे।