वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गत 19 मई को दो हजार रुपए के नोट प्रचलन से बाहर किए थे। उस वक्त 3.56 लाख करोड़ रुपए मूल्य के दो हजार के नोट प्रचलन में थे। दो हजार के नोट पर पाबंदी के बाद गत 30 नवम्बर तक 3.46 लाख करोड़ रुपए मूल्य के नोट ही आरबीआई में लौटाए गए हैं। अब भी 9760 करोड़ रुपए मूल्य के नोट बाजार में हैं, यानी आरबीआई को लौटाए नहीं गए हैं।
उन्होंने बताया कि दो हजार के नोट का लगभग 89 प्रतिशत हिस्सा मार्च 2017 से पहले जारी किया गया था। इन नोटों की उपयोगिता की चार पांच वर्ष की अवधि समाप्त होने वाली थी। इन नोटों को प्रचलन में लाने पर हुए खर्च री अलग से गणना नहीं की गई है।
पांच साल में बढ़ेगी रिफाइनिंग क्षमता
देश में अगले पांच साल में भारतीय रिफाइनरियों की क्षमता 56 मिलियन मिट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) बढ़ने की सम्भावना है। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने सोमवार को राज्यसभा में राजेंद्र गहलोत को लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय रिफाइनरियों की क्षमता अभी 253.92 एमएमटीपीए है। इसकी तुलना में वर्ष 2022-23 में पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू खपत 223 एमएमटीपीए रही है। मंत्रालय के उच्च प्रौद्योगिकी केंद्र के आंकड़ों के अनुसार साल 2028 तक शोधन क्षमता 56 एमएमटीपीए बढ़ जाएगी। सीएनजी, एथेनॉल आदि जैव इंधन व इलेक्ट्रिक वाहनों में वृद्धि के साथ यह क्षमता अनुमानित मांग को पूरा करने में पर्याप्त होगी।