नवनीत मिश्रनई दिल्ली। हरियाणा में लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के बहाने एनडीए का शक्ति प्रदर्शन हुआ। भाजपा सहित एनडीए के सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने मंच साझा कर एनडीए के और मजबूत होने का संदेश दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री लल्लन सिंह शामिल हुए, जबकि अन्य सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहे। इसे 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण के बहाने इंडिया गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन का जवाब माना जा रहा है।
शपथ ग्रहण के मच पर भाजपा के 13 मुख्यमंत्रियों और 16 उपमुख्यमंत्रियों के अलावा सहयोगी दलों से महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार, आंद्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा, नागालैंड के सीएम निफू रियो सहित सभी 31 घटक दलों के अध्यक्ष और प्रमुख नेता उपस्थित हुए। इससे पहले 16 अक्टूबर को श्रीनगर में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेतृत्व इंडिया गठबंधन में शामिल दलों पीडीपी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, लेफ्ट आदि का जमावड़ा हुआ ता। पार्टियां शामिल हैं। लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला अवसर था, जब सभी प्रमुख विपक्षी दल एक मंच पर दिखे थे। विपक्ष ने जहां आगे के चुनावों के लिए एकजुट होने का संदेश दिया, वहीं अगले दिन ही एनडीए ने भी शक्ति प्रदर्शन कर एकजुटता का संदेश दिया।
भाजपा ने सैनी मंत्रिमंडल में सभी वर्गों को साधा
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ 13 अन्य नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा ने मंत्रिमंडल के जरिए सभी वर्गों और जातियों को साधने की कोशिश की है।