दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद विस्तारित सीडब्ल्यूसी की पहली बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में होटल अशोक में शनिवार सुबह 11 बजे होगी। इस बैठक में सभी प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल हो रहे हैं। इस बैठक में नतीजों की समीक्षा के साथ आगामी रणनीति पर चर्चा होगी। कांग्रेस की सीटें बढऩे से नेताओं में उत्साह का माहौल है। भाजपा को हर मुद्दे पर घेरने के लिए आक्रमक रणनीति बनाने पर जोर दिया जा सकता है। इसकी शुरुआत राहुल गांधी ने शेयर मार्केट स्कैम और नीट परीक्षा में गड़बड़ी से युवाओं के भविष्य खराब करने का आरोप लगाकर की है। इन दोनों मुद्दों की गूंज लोकसभा के पहले सत्र में ही सुनाई दे सकती है। इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष को लेकर भी चर्चा होने के आसार है। 2014 व 2019 में कांग्रेस के पर्याप्त सांसद नहीं होने के चलते नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिल सका था। इस बार 99 सांसदों के जीतने के चलते यह पद कांग्रेस को मिलना तय है। ऐसे में बैठकों से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल को मैन ऑफ द मैच बताकर नेता प्रतिपक्ष का पद संभालने के लिए कहा है। वहीं मणिक्कम टैगौर जैसे कई नेता इस तरह की बातें कह चुके हैं। सीडब्ल्यूसी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत अधिकांश नेता इसी तरह की मांग कर सकते हैं। सीडब्ल्यूसी के बाद शाम साढ़े पांच बजे पुरानी संसद के सेन्द्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक होगी।
वहीं होटल अशोक में शाम 7 बजे विस्तारित कांग्रेस कार्यसमिति और कांग्रेस सांसदों का रात्रिभोज होगा।
लोकसभा उपाध्यक्ष मांगने की तैयारी
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि इस बार विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या में सांसद है। लोकसभा अध्यक्ष का पद का चुनाव सर्वसम्मिति से कराने की एवज में कांग्रेस लोकसभा उपाध्यक्ष का पद एनडीए से मांग सकती है। इस पर भी सीडब्ल्यूसी में चर्चा हो सकती है।
वायनाड को छोड़ सकते हैं राहुल
राहुल गांधी ने वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीता है। अब उन्हें एक सीट खाली करनी होगी। फिलहाल राहुल ने इस पर अब तक स्पष्ट कुछ नहीं कहा है, लेकिन पिछले दिनों एक वीडियो संदेश से कहा था कि उनकी इच्छा दोनों सीटों के प्रतिनिधित्व करने की है। वहीं सूत्रों ने बताया कि जिस तरह से सोनिया गांधी की जनता को राहुल गांधी को सौंपने की बात कही थी, उससे लग रहा है कि रायबरेली से अब राहुल सांसद रह सकते हैं। जबकि वायनाड से इस्तीफा दे सकते हैं। उनकी जगह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की चर्चा भी चल रही है।