वैसे तो यहां 6 कैंडिडेट प्राइम मिनिस्टर पोस्ट की रेस में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला मॉरिसन के गठबंधन और लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बानीस के बीच माना जा रहा था। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां कानूनी तौर पर मतदान जरूरी है। बता दें प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को पिछले चुनावों में भी बहुमत नहीं मिला था, उन्होंने छोटी पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।
इसी बीच स्कॉट मॉरिसन ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। निवर्तमान प्रधानमंत्री मॉरिसन ने शनिवार को यह ऐलान किया कि राष्ट्रीय चुनाव में वह हार चुके हैं। हार स्वीकार करने के बाद स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता और आने वाले प्रधान मंत्री एंथनी अल्बनीज़ से बात की है और मैंने उन्हें उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी है। स्कॉट मॉरिसन ने ऑस्ट्रेलिया की लिबरल पार्टी के नेता के रूप में पद छोड़ने का भी फैसला किया है। इससे साफ है कि मॉरिसन की जगह पर विपक्ष को कोई दूसरा नेता चुनना पड़ेगा।
बात करें नए प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज की तो उन्होंने 1996 से ऑस्ट्रेलिया में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है। वह 2013 में ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधान मंत्री थे और 2007 और 2013 के बीच कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। एंथनी अल्बनीज ऑस्ट्रेलियाई संसदीय इतिहास में सबसे लंबे समय तक सांसद रहने वाले नेताओं में से एक हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान लगातार आम लोगों की नब्ज को पकड़ा। अल्बनीज ने वोटरों से नवीकरण का वादा किया है। इस चुनाव में लेबर पार्टी ने ऑस्ट्रेलियाई वोटरों से आर्थिक सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण वादे किए हैं।