बतादें की खरीफ सीजन की बोवनी से पहले जिले में गहरी जुताई का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो चुका है। गहरी जुताई से खेतों की मिट्टी पलट जाती है। जिससे मिट्टी के अंदर की ऊपजाउ मिट्टी पलट कर ऊपर आ जाती है। वहीं खेतों में ऊगने वाली खरपतवार के साथ ही फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीट व अनुपयोगी बीज भी निकलकर बाहर आ जाते हैं। जो कड़क धूप के सम्पर्क में आने से नष्ट होने के साथ ही पक्षी आदि जीव भी उन्हें खा जाते हैं। जिससे मिट्टी पूर्ण रूप से शुद्ध हो जाती है। और फसल में बेहतर उत्पादन प्राप्त होता है। गहरी जुताई होने से मिट्टी ऊपर नीचे होने के कारण मिट्टी की जल धारण क्षमता भी काफी बढ़ जाती है।
नहीं उगती खरपतवार, दवाईयों का बचता है खर्च
खेतों की मिट्टी पलटने के कार्य को गहरी जुताई कहते हैं। इसे हर तीन साल में अनिवार्य रूप से किया जाता है। ताकि मिट्टी के अंदर छुपे कीट व्याधि बाहर निकलकर खत्म हो जाए। कीट व्याधि खत्म हो जाने से बाद में फसल के दौरान किसी प्रकार की कीट व्याधि से फसल प्रभावित नहीं होती है। जिससे कीटनाशकों पर खर्च होने वाले पैसे की बचत होती है। वहीं दूसरी और खरपतवार भी नहीं ऊगती है। जिससे खरपतवार हटाने के लिए लगने वाले मजदूर का खर्च भी कम हो जाता है।
800 से 1000 रुपए प्रति घंटे हो रही जुताई
आधुनिक संसाधनों के दौर में गहरी जुताई का काम ट्रेक्टर के माध्यम से किया जा रहा है। ट्रेक्टर के माध्यम से गहरी जुताई करने में मात्र दो घंटे में एक बीघा खेत निपट जाता है। वर्तमान में जिन किसानों के पास ट्रेक्टर और उपकरण है उन्हें तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन जिनके पास संसाधन नहीं है वे 800 से 1000 रुपए प्रति घंटा देकर गहरी जुताई करवा रहे हैं।
गहरी जुताई से मिट्टी के अंदर छिपे नुकसानदायक कीट नष्ट हो जाते हैं। इसी के साथ मिट्टी की पानी सोखने की क्षमता भी बढ़ जाती है। जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त होता है। किसान को हर तीन साल में एक बार गहरी जुताई करवा लेना चाहिए।
-भेरूलाल माली, किसान, अठाना
गर्मी में खेत की गहरी जुताई करने से मिट्टी काफी ऊपजाउ हो जाती है। तीखी धूप से मिट्टी के अंदर से निकले कीट आदि खत्म हो जाते हैं। खरपतवार की जड़े भी नष्ट हो जाती है। जिससे खाद बीज कम लगता है। वहीं दवाईयों का छिड़काव भी नहीं करना पड़ता है।
-रामजीवन धाकड़, किसान, अठाना
गहरी जुताई से कीटों की विभिन्न अवस्था तथा व्याधि के बीजाणु नष्ट हो जाते हैं। बहुवर्षीय खरपतवार भी नष्ट करने में सहायता मिलती है। वहीं बरसात के पानी को अवशोषण करने में भी सहायक होता है। इसी के साथ मिट्टी के पोषक तत्व भी ऊपर आ जाते हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में गहरी जुताई काफी लाभदायक है।
-डॉ श्यामसिंह सारंग देवोत, कृषि वैज्ञानिक