ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- फसलों में हुए नुकसान के सर्वे के जरूरत नहीं है। मैने नीमच जिले के खेतों में सीने तक पानी भरा देखा है। अन्नदाता की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इस दौरान कमलनाथ सरकार के दो मंत्री भी मंच पर मौजूद थे लेकिन दोनों ही मंत्री मंच से कुछ नहीं बोले।
सिंधिया ने कहा- मैंने इपने जीवन में इतनी बारिश कभी नहीं देखी। 80 इंच बारिश नीमच जिले में हो चुकी है तो 84 इच बारिश मंदसौर में हो चुकी है। 27 हजार मकान ढह गए हैं। 150 किमी की सड़कें तबाह हो गई हैं। 61 पुल बह गए। शायद ऐसी आपदा पिछले 50 साल में मालवा अंचल में किसी ने नहीं देखी होगी। 1970 में जब मंदसौर और नीमच अंचल में बाढ़ आई थी तो मेरे पिता जी ने भी मालवा का दौरा किया था। आज फिर से वही हालात बने हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- मैंने मंदसौर,नीमच के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है जहां फसलें पूर्णतया बर्बाद हो गई हैं। प्रदेश सरकार से मैंने सर्वे करवाकर शत-प्रतिशत मुआवजा, राशि और केन्द्र सरकार से विशेष मेगा राहत पैकेज की मांग की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- सिंधिया परिवार का सदैव इस मालवा और निमाड़ की माटी से जुड़ाव रहा है, और मैं आपके बीच किसी राजनेता के रूप में नहीं, बल्कि आपके परिवार के सदस्य होने के नाते आया हूं। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूं आपके हक और न्याय की लड़ाई ज्योतिरादित्य सिंधिया लड़ेगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा- फसल हानि के साथ जनहानि हो, पशुधन हानि हो, या मकान की हानि हो। हर एक व्यक्ति को पूर्ण रूप से मुआवजा दिलाना ही मेरा लक्ष्य रहेगा।