हिंगोरिया स्थित वाटर फिल्टर प्लांट से प्राप्त जानकारी के अनुसार जाजू सागर बांध से आने वाले पानी में टीडीएस की मात्रा करीब 2000 तक आती है। जिसे जांच के बाद शुद्धीकरण का काम किया जाता है। वहीं पानी में प्रजेंट ऑफ हाईड्रोजन की मात्रा को भी निर्धारित किया जाता है। नीमच में पीएच 7 मानक है। जल को प्लांट पर कई प्रकार के मापदंड पर प्रोसेज कर शुद्ध किया जाता है।
– हर्कियाखाल के पानी को एरियेशन प्वाइंट पर लिया जाता है, जहां पर पानी झरने की तरह बहता है। इस तरह बहने से पानी में ऑक्सीजन मिलती है और आयरन जैसी बीमारी खत्म हो जाती है।
– जल की शुद्धता के लिए द्वितीय चरण में फिटकरी टैंक में पानी और फिटकरी को मिक्सर के द्वारा घोलकर प्रोसेज किया जाता है।
– तृतीय चरण में क्लेरिफायर टैंक में पानी भेजा जाता है। वहां पर क्लेरिफायर के चार पंखे लगे होते है। जिनके माध्यम से पानी रोटेड किया जाता है। जिससे पानी की इनफ्यूलिटी सेटलिंग टैंक में सेट होकर जमीन पर बैठ जाती है। पानी साफ होकर चैनल के माध्यम से फिल्टर में जाता है।
– चतुर्थ चरण में फिल्टर में मीडिया (खास रेत) के माध्यम से पानी को छाना जाता है। और उसे क्लीयर वाटर टैंक में भेजा जाता है।
– पांचवे चरणमें क्लीयर वाटर टैंक में बीलिचिंग पाउडर/क्लोरिन गैस के द्वारा ट्रीटमेंट कर लेबोरेट्री में जांच कर शहर के लिए सप्लाई किया जाता है।
मापक—————–मात्रा
टरबिडिटी—————18
कडेक्टीविटी————-35
तापमान—————–२५ डिग्री
टीडीएस—————–200
पीएच——————-07 पीएच 7 स्टेंडर्ड का पानी शहर में सप्लाई
जाजू सागर बांध से आने वाले पानी में टीडीएस 2000 और पीएच 10 से 14 तक आता है। जिसे हिंगोरियों फिल्टर प्लांट में केमिकल, फिजिकल बॉयोलॉजिककल टेस्ट करने के उपरांत शहर में सप्लाई किया जाता है। शहर में पानी सप्लाई में टीडीएस 200 और पीएच 7 स्टेंडर्ड है।
– केमिस्ट सुरेश पंवार, केमिस्ट वाटर फिल्टर प्लांट हिंगोरिया नीमच।