उत्तराखंड में तीन दिनों का राजकीय शोक
आज तमिलनाडु के कुन्नूर जिले में सीडीएस बिपिन रावत को ले जा रहा सेना का हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में तीन दिन (9 से 11 दिसंबर) का राजकीय शोक की घोषणा की है।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम ने कहा कि देश की सुरक्षा को अपने साहसिक निर्णय और सैन्य बलों का मनोबल ऊंचा बनाए रखने के लिए जनरल रावत द्वारा दिए गए योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस घटना से देश को कभी न पूरी होने वाली क्षति हुई है। समूचे देश को आप पर गर्व है।
बता दें कि देश में किसी अहम पद पर रहने वाले शख्स के निधन पर राजकीय या राष्ट्रीय शोक घोषित किया जाता है। हालांकि पहले नियम कुछ और थे। दरअसल, पहले देश में केवल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रह चुके लोगों के निधन पर राजकीय या राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती थी। वहीं आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में पहला राष्ट्रीय शोक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद घोषित किया गया था।
वहीं समय के साथ इस नियमों में बदलाव किए गए, जिनके मुताबिक अब गणमान्य व्यक्तियों के निधन पर भी केंद्र विशेष निर्देश जारी कर राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर सकता है। इसके साथ ही देश में किसी बड़ी आपदा के वक्त भी राष्ट्रीय शोक घोषित किया जा सकता है। बता दें कि इसका एक पहलू राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करना भी है। कई फिल्मी हस्तियों का भी अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया है।