गरज और बिजली के साथ होगी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में राज्य के बाकी हिस्सों में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। चेन्नई में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की उम्मीद है, शाम और रात के समय कुछ इलाकों में मध्यम बारिश का अनुमान है।
22 नवंबर से भारी बारिश की चेतावनी
आरएमसी ने 22 नवंबर से चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू और कांचीपुरम सहित उत्तरी तटीय जिलों में भारी बारिश का भी अनुमान लगाया है। इन जिलों में 22 से 28 नवंबर तक सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है, जबकि राज्य के बाकी हिस्सों में इस अवधि के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। कोयंबटूर में सबसे अधिक 418 मिमी बारिश
1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक पूर्वोत्तर मानसून के दौरान तमिलनाडु में 276 मिमी बारिश हुई। कोयंबटूर में सबसे अधिक 418 मिमी बारिश दर्ज की गई – जो सामान्य स्तर से 67 प्रतिशत अधिक है। चेन्नई सहित 17 जिलों में अधिक बारिश हुई, जबकि शेष जिलों में कमी दर्ज की गई।
भारी बारिश के कारण बिजली की खपत में आई कमी
मानसून की शुरुआत के बाद से, कई जिलों में भारी बारिश के कारण बिजली की खपत में उल्लेखनीय कमी आई है। तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (टैंगेडको) ने बताया कि राज्य में दैनिक बिजली की खपत घटकर 302 मिलियन यूनिट रह गई है, जो 1 अक्टूबर को 380 मिलियन यूनिट थी, जब बारिश कम थी। सितंबर में, बिजली की खपत 400 मिलियन यूनिट प्रतिदिन से अधिक हो गई थी।
मौसमी बीमारियों ने बढ़ाई चिंता
इस बीच, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने वायरल रोगों के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है। चेन्नई और कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर जैसे आस-पास के जिलों में बुखार, इन्फ्लूएंजा और अन्य वायरल बीमारियों में वृद्धि की सूचना मिली है। इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों से मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले सामने आए हैं। तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से विशेष रूप से बच्चों के साथ अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है, जो संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाए
विभाग ने लोगों को तेज बुखार, ठंड लगना, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षणों पर नजर रखने और इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी है। चेन्नई के एक निजी अस्पताल में कीट विज्ञानी डॉ. रजनी ने कहा कि पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के बाद से बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, सिरदर्द और गले के संक्रमण में वृद्धि देखी गई है।