हाल ही में कुछ नेताओं ने पश्चिम बंगाल में पार्टी अध्यक्ष रहे और अब सांसद के तौर पर दिलीप घोष के मीडिया में कई बयानों और टिप्पणियों को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी। दिलीप घोष को लेकर पार्टी का आलाकमान खुश नहीं है। इसलिए अरूण सिंह ने दिलीप घोष को लेटर लिखा है। इस लेटर में दिलीप घोष को विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है।
पार्टी के महासचिव ने पत्र में लिखा, “पश्चिम बंगाल में पार्टी अध्यक्ष, विधानसभा में विधायक और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद होने के तौर पर पार्टी कार्यकर्ता आपकी ओर दिशानिर्देश, सहयोग और प्रोत्साहन के लिए देखते हैं। आपने बंगाल भाजपा का अध्यक्ष रहते हुए जिन अच्छे कार्यों की शुरुआत की थी वह उसे जारी रखने के लिए आपसे सहयोग चाहते हैं। आपको पहले भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। कोई लाङ नहीं हुआ। आपकी टिप्पणियों ने टीम की छवि खराब की है।”
अरुण सिंह ने आगे लिखा है कि हाल के इंटरव्यू में उनके दिए बयानों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रति उनकी वफादारी पर संशय नहीं है, लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां उनके दिए बयानों से प्रदेश में पार्टी के नेताओं को नाराजगी हैं. उनके ये बयान बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी शर्म की वजह बने हैं।
पत्र में आगे लिखा गया है, “आपकी स्थिति और कद को देखते हुए, आपसे सभी स्तरों पर पार्टी के अपने सहयोगियों को प्रेरित करने, नेतृत्व करने, निर्देशित करने और एक साथ रखने की अपेक्षा की जाती है, लेकिन हाल के एक साक्षात्कार में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और शायद अन्य मंचों पर आपकी टिप्पणियों में राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों की खुले तौर पर आलोचना की गई है। इस तरह की टिप्पणियां केवल पार्टी को चोट पहुंचाएंगी और नुकसान करेंगी और अतीत में आपकी खुद की मेहनत को भी नकार देंगी।”
अरुण सिंह ने आगे लिखा कि उन्होंने यह पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर लिखा है, “राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर मैं आपको इस तरह के बयान जारी करने पर पार्टी की गहरी पीड़ा और चिंता से अवगत कराना चाहता हूं और आपको सलाह देता हूं कि आप हमेशा अपने स्वयं के सहयोगियों के बारे में पश्चिम बंगाल या अन्य कहीं भी मीडिया या किसी भी सार्वजनिक मंच पर जाने से परहेज करें।”
आपको बता दें बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते दिनों अपने उत्तराधिकारी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी। घोष ने सुकांत मजूमदार को कम अनुभवी बताया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी अभी राज्य में संघर्ष कर रही है। हम काफी दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। कम अनुभवी सुकांत के अलावा भी पार्टी में कई दिग्गज हैं। उन्हें राज्य में लड़ने के लिए खड़ा किया जाना चाहिए। दिलीप घोष द्वारा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का सार्वजनिक रूप से आलोचना करना केंद्रीय नेतृत्व को नागवार लगी।|