पाकिस्तान का दावा 15 घुसपैठियों को मारा
दूसरी ओर पाक मीडिया की ओर से दावा किया गया है कि शनिवार सुबह अफगानिस्तान (Taliban Pakistan Conflict) की ओर से की गई घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया। इस दौरान कम से कम 15 घुसपैठियों को मार दिया गया। तालिबानी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, डूरंड लाइन पर खोस्त और पकटिया इलाकों में यह लड़ाई हुई है। तालिबान ने यह भी दावा किया कि इस हमले के बाद उन्होंने पाकिस्तानी सेना की दो चौकियों पर कब्जा कर लिया और कई चौकियों पर आग लगा दी। दूसरी और पाक सेना की ओर से दावा किया गया है कि अफगानिस्तान के इलाके में कई चौकियों को पाक सेना ने ध्वस्त कर दिया।
जुबानी जंग के बाद गरजे हथियार
इससे पहले गुरुवार को की गई पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक (Pakistan Airstrike) के बाद पाकिस्तानी सेना के साथ और पीएम शहबाज शरीफ ने धमकी दी थी कि तालिबान लड़ाई से परहेज करे नहीं तो आगे भी अफगानिस्तान में हमले जारी रहेंगे। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के पकटिया प्रांत में पाक फौज के हवाई हमले 50 अफगानियों की मौत हो गई था। इसके बाद से तालिबानी सरकार ने ऐलान किया था कि वे इसका करारा जवाब देंगे।
काबुल में आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के निकट धमाका
शनिवार को काबुल में आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के पास एक बम विस्फोट में चार लोग घायल हो गए। विस्फोट काबुल एयरपोर्ट रोड पर हुआ। अभी तक किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। विस्फोट शेख जायद अस्पताल के पास हुआ। उन्होंने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और घटना की जांच चल रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विस्फोट काफी तेज था और इसमें भारी जनहानि की आशंका है। हालांकि, तालिबान ने बताया है कि विस्फोट में किसी को गंभीर चोट नहीं आई है।
पाकिस्तान में दुर्भावनापूर्ण तत्वों को निशाना बनाया- तालिबान
तालिबान संचालित रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उन्होंने सीमा पार पाकिस्तान में कई ‘दुर्भावनापूर्ण तत्वों’ और उनके ठिकानों को निशाना बनाया है, और आरोप लगाया कि इन स्थलों का इस्तेमाल अफगानिस्तान की धरती पर हमलों को अंजाम देने और योजना बनाने के लिए किया गया था।
2024 के आतंकी हमलों में 383 पाक सैनिकों की मौत
पाकिस्तान स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में आतंकवादी हिंसा और आतंकवाद विरोधी अभियानों में मौतों के आंकड़ों में 90% की वृद्धि हुई है। इस दौरान टकराव की 328 घटनाओं में कुल 722 लोग मारे गए, जिनमें नागरिक, सुरक्षाकर्मी और अपराधी शामिल थे, जबकि 615 अन्य घायल हुए। अकेले 2024 में, पाक सेना ने विभिन्न आतंकी हमलों और जवाबी कार्रवाई में 383 सैनिकों और 925 आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना दी है।
विवाद की क्या है जड़?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान मे विवाद की जड़ में 2640 किमी लंबी डूरंड लाइन है, जो दोनों देशों की सीमा रेखा बनाती है। डूरंड लाइन चीन की सीमा से लेकर ईरान तक फैली हुई है। इसे दुनिया की सबसे खतरनाक सीमा रेखाओं में एक माना जाता है। तालिबान इस डूरंड लाइन को नहीं मानता। यह सीमा रेखा नदी और भौगोलिक आधारों को ध्यान में रखकर बनाई गई है, न कि आबादी की एथनिक पहचान के आधार पर। सीमा के दोनों ओर मुख्य रूप से पख्तून परिवार रहते हैं, जो कि अफगानिस्तान का सबसे बड़ा आबादी समूह। दूसरी ओर डूरंड लाइन ने करीब आधी पश्तून आबादी को पाकिस्तान में रख दिया, जहां कि मुख्य रूप से पंजाबियों के हाथ में शासन आया। पंजाबियों का यह वर्चस्व पश्तूनों को स्वीकार नहीं है। तालिबान का आरोप है कि इस बाड़ ने सीमा पर बड़ी संख्या में आबादी को लोगों को एक-दूसरे से अलग कर दिया है।