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दिल से जुड़ी समस्याओं को पहचानना हमेशा आसान नहीं होता। कई बार लक्षण देर से सामने आते हैं, और तब तक समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसे में नियमित हार्ट चेक-अप बेहद जरूरी हो जाता है।
Heart attack warning signs : कब और क्यों करें हार्ट चेक-अप? When and why to do a heart check-up?
Heart attack : नियमित स्क्रीनिंग का महत्व
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और ब्लड शुगर जैसे कारकों की जांच से दिल की बीमारियों का शुरुआती चरण में पता लगाया जा सकता है। इससे समय रहते इलाज शुरू करना संभव हो जाता है।
Heart attack : कौन-कौन से टेस्ट हैं जरूरी? Which tests are necessary?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के अनुसार, दिल की सेहत की निगरानी के लिए निम्नलिखित टेस्ट जरूरी हैं: ब्लड प्रेशर: हर साल या हर हेल्थकेयर विजिट पर चेक करें। कोलेस्ट्रॉल लेवल: सामान्य जोखिम वाले वयस्कों के लिए हर 4-6 साल में एक बार, और उच्च जोखिम वालों के लिए अधिक बार।
ब्लड ग्लूकोज टेस्ट: हर तीन साल में एक बार। यह भी पढ़ें :
सर्दियों में रोजाना 3 खजूर खाने के 7 फायदे, ब्लड शुगर और पाचन की समस्या को करता है दूर Heart attack : लक्षण जो बताते हैं कि दिल की जांच जरूरी है Symptoms that indicate that a heart checkup is necessary
छाती में दर्द
अगर छाती में दबाव, जलन, या जकड़न महसूस हो रही हो, तो इसे हल्के में न लें। हार्ट अटैक की स्थिति में यह दर्द पीठ, गर्दन, जबड़े, कंधों और हाथों तक फैल सकता है।
सांस फूलना
सांस लेने में कठिनाई या लगातार थकान दिल की बीमारियों, जैसे हार्ट फेलियर या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD), का संकेत हो सकती है। यह फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं का भी संकेत हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें।
अचानक थकावट
अगर बिना किसी स्पष्ट कारण के थकावट महसूस हो रही हो और आराम करने से भी राहत न मिले, तो यह दिल की पंपिंग क्षमता में समस्या का संकेत हो सकता है।
दिल की धड़कन तेज या असामान्य होना
अचानक दिल की धड़कन तेज होना या अनियमित धड़कन (पल्पिटेशन) अक्सर सामान्य होती है, लेकिन यह दिल की गंभीर समस्या जैसे अतालता (Arrhythmia) का संकेत हो सकती है।
Heart attack : किन्हें विशेष ध्यान देना चाहिए?
जोखिम भरे कारक धूम्रपान, अनुचित जीवनशैली, अस्वस्थ आहार, शराब का अधिक सेवन, और मोटापा दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाते हैं। इसके अलावा, उच्च रक्तचाप, अनियमित नींद, और लंबे समय तक तनाव भी इन समस्याओं को गंभीर बना सकते हैं। यह भी पढ़ें :
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धूम्रपान और शराब का सेवन सीमित करें।
ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं।
Heart attack : दिल की सेहत का ध्यान रखना आपकी जीवनशैली पर निर्भर करता है। नियमित चेक-अप और स्वस्थ आदतों को अपनाकर आप दिल की बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं। अगर आपको उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। आपका दिल स्वस्थ रहेगा, तो आप भी स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकेंगे।