महिला दिवस के लिए क्यों चुनी 8 मार्च की तारीख
अमेरिका (US) में काम करने वाली महिलाओं ने 8 मार्च को अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन शुरू किया था। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस वास्तव में एक मजदूर आंदोलन की उपज है। इसकी शुरुआत साल 1908 में हुई थी। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर (New York) में 15 हजार महिलाएं अपने हक के लिए सड़कों पर उतरी थीं। इन महिलाओं की मेन मांगे थी- नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का अधिकार। महिलाओं के इस विरोध प्रदर्शन के एक साल बाद US की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women’s Day) को मनाने की घोषणा की थी। बाद में 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) को मान्यता दे दी।तब से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सेलिब्रेट किया जाने लगा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का क्या है महत्व
महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देने और उन्हें अपने अधिकारों के बारे में जागरूक करने के मकसद से हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए इस खास दिन का बहुत महत्व है।
हर साल निर्धारित होती है एक खास थीम
हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 की थीम है, ‘Inspire Inclusion’ इसका मतलब है एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिल सके। पिछली साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम थी- एम्ब्रेस इक्विटी।