टेस्ला चीफ एलन मस्क ने पराग अग्रवाल को ट्विटर का सीईओ बनने पर शुभकानाएं दीं । उन्होंने लिखा- ‘भारतीय प्रतिभा का फायदा अमरीका को मिल रहा है।’
सत्या नडेला भारतीय मूल के अमरीकी बिजनेस एक्जीक्यूटिव हैं। नडेला को साल 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था। वर्ष 2019 में नडेला को फाइनेंशियल टाइम्स पर्सन ऑफ द ईयर का खिताब मिल मिल चुका है।
सुंदर पिचाई गूगल की बागडोर संभाल रहे हैं। वे टूलबार के लाइक्स, क्रोम के डेवलपमेंट और गूगल ब्राउजर पर काम कर चुके हैं। 2012 में उन्हें प्रोडक्ट डेवलपमेंट का सीनियर VP बनाया गया। दो वर्ष बाद वह गूगल और एंड्रॉयड स्मार्टफोन ओएस के प्रोडक्ट चीफ बन गए।
अप्रैल 2020 में अरविंद कृष्णा ( Arvind Krishna ) को आईबीएम ( IBM ) का CEO बनाया गया। उन्होंने अपना कैरियर IBM से 1990 में शुरू किया था। अरविंद ने आईआईटी ( IIT Kanpur ) कानपुर से पढ़ाई की है। बता दें कि अरविंद ने यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस से PhD किया है।
शांतनु नारायण ( Shantanu Narayen ) 2007 से एडोब ( Adobe ) के CEO का कार्यभार संभाल रहे हैं। उन्होंने कंपनी को 1998 में सीनियर VP के तौर पर ज्वाइन किया था। उस दौरान वे प्रोडक्ट डेवलपमेंट को देख रहे थे। 2005 में उन्हें कंपनी का COO बनाया गया और उसके दो साल बाद उन्होंने CEO की कमान संभाली।
कानपुर में जन्मे 58 वर्षीय संजय मेहरोत्रा ने 1988 में दो लोगों के साथ मिलकर सैनडिस्क ( Sandisk ) कंपनी बनाई थी। 1980 में बार्कले से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कम्प्यूटर साइंसेज में मास्टर्स की डिग्री ली। फिलहाल वे माइक्रोन के सीईओ की कमान संभाल रहे हैं।
निकेश अरोड़ा टेक्नोलॉजी सेक्टर के दिग्गजों में शुमार हैं। मौजूदा समय में वो पालो अल्टो नेटवर्क के सीईओ हैं। दरअसल पालो अल्टो नेटवर्क एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। भारतीय मूल के निकेश का टेक्नोलॉजी सेक्टर में लंबा करियर रहा है। इससे पहले वे सॉफ्ट बैंक और गूगल में भी काम कर चुके हैं।
अजय बंगा पिछले 10 वर्षों से मास्टरकार्ड के CEO हैं और फरवरी में पेमेंट के क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी ने ऐलान किया था कि बंगा अपने पद से इस्तीफा देंगे और एक जनवरी 2021 से निदेशक मंडल के कार्यकारी अध्यक्ष का प्रभार संभालेंगे।