भारत में फिलहाल कोरोना के नए एक्सई वेरिएंट का सिर्फ एक मामला सामने आया है। वहीं देश में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन लग चुकी और बड़ी आबादी को पहली दो लहर में संक्रमण हो चुका है। ऐसे में भारत में इसका खतरा फिलहाल कम ही बताया जा रहा है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वैक्सीन और कोविड नियमों का पालन करते रहने की सलाह दी गई है।
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कोरोना के एक और वेरिएंट XE को लेकर कहा जा रहा है कि ये ओमिक्रॉन से ज्यादा तेजी से फैलता है। इस वेरिएंट के कुछ मामले यूके में सामने आए हैं। ऐसे में फिर से संक्रमण का डर बढ़ रहा है, लेकिन क्या भारत में इसके चलते फिर से संक्रमण के मामले बढ़ेंगे।
इस वजह से भारत में खतरा कम
एम्स के कम्युनिटी मेडिसिन के डॉक्टर पुनीत मिश्रा के मुताबिक भारत में पिछले दो वर्षों में आई दो संक्रमण लहर यानी पहली और दूसरी लहर में ज्यादातर आबादी को संक्रमण हुआ।
वहीं अब तक ये देखने में आया है कि, जब बड़ी इम्यून पॉपुलेशन यानी रोग से लड़ने के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता है तो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। जबकि नए वेरिएंट की बात करें तो XE के संक्रमण की दर ओमिक्रॉन से 10 फीसदी ज्यादा बताई जा रही है। ऐसे में अगर से फैलता है तो इसके प्रसार की गति तेज होगी। लेकिन भारत को इससे खतरा कम है।
भारत में कोरोना का हाल
देश में 4 अप्रैल को 715 दिनों बाद एक हजार से कम कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए, जिससे राहत मिली थी। लेकिन अब भी एक हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस रोज रिपोर्ट हो रहे हैं। कोरोना के मामलों दोबारा एक हजार से ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं।
देश में फिलहाल पॉजिटिविटी रेट 0.21% है और ये कम हो रही है। पिछले 5 दिन में दो दिन ऐसे थे जब एक हजार से कम केस रिपोर्ट हुए, हालांकि बाकी 3 दिन भी हजार के करीब केस पूरे देश में रिपोर्ट हुए है। वहीं देश में अब तक 1,85,36,60,641 वैक्सीन डोज दी जा चुकी है।
एक्सपर्ट्स की मानें तो फिलहाल WHO इस नए वेरिएंट के बारे में और जानकारी जुटा रही है। वहीं भारत सरकार भी लगातार वेरिएंट और संक्रमण पर नजर रखे हुए है।
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