Bharat Bangladesh Relations: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को वहां के कानून का सामना करना पड़ सकता है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा है कि अगर बांग्लादेश के गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय से कोई अनुरोध आता है तो हमें भारत सरकार से शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेजने के लिए कहना होगा। ऐसे में भारत सरकार के लिए दुविधा हो सकती है। खालिदा जिला की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने कहा है कि भारत से हसीना के प्रत्यर्पण के साथ दोनों देशों के संबंधों का नया अध्याय शुरू हो।
भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश की ओर से किसी भी संभावित मांग के मुद्दे पर विस्तार से बोलने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि फिलहाल, ‘पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा कारणों से बहुत कम समय में भारत आई थीं, हमारे पास इससे ज्यादा कुछ भी कहने के लिए नहीं है।’ वहीं, जायसवाल ने स्वीकार किया कि पड़ोसी देश में अशांति के कारण द्विपक्षीय विकास परियोजनाओं पर काम रुक गया है। बांग्लादेश में अभी सीमित भारतीय वीजा सेवाएं उपलब्ध हैं और वीजा केवल आपातकालीन या चिकित्सा उद्देश्यों के लिए ही दिए जा रहे हैं।
क्यों मंडरा रहा हसीना पर ‘खतरा’
अपनी सरकार के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच हसीना 5 अगस्त को भागकर भारत आ गई थीं। अंतरिम सरकार ने उनका राजनयिक पासपोर्ट 22 अगस्त को रद्द कर दिए। भारतीय वीजा नीति के अनुसार बिना वीजा कोई बांग्लादेशी नागरिक भारत में 45 दिन से ज्यादा नहीं रूक सकता। अभी तक किसी देश ने हसीना को शरण नहीं दी है, ऐसे में हसीना पर बांग्लादेश प्रत्यर्पण का खतरा मंडरा रहा है।