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नागौर

सर्द हवा से सुबह तो जीत के शोर से हुई शाम, दिनभर बदलते रहे नजारे

कलक्ट्रेट से मानासर, कॉलेज से मूण्डवा चौराहे तक लगभग यही दिखा था। चंद खुली चाय की दुकानों के साथ कुछ दुकानों पर भीड़ जमा थी।

नागौरNov 23, 2024 / 07:18 pm

Sandeep Pandey

हल्की सर्दी के बीच शनिवार की सुबह कुछ खास नजर आई। सूनी पड़ी सड़क पर दिख रहे थे खाकी वर्दीधारी

मतगणना करने जा रहे कर्मचारी/अधिकारी तो अपने-अपने प्रत्याशी की जीत की उम्मीद लिए एजेंट विधि महाविद्यालय की ओर या फिर आसपास दिख रहे थे।

लाइव कवरेज

नागौर. हल्की सर्दी के बीच शनिवार की सुबह कुछ खास नजर आई। सूनी पड़ी सड़क पर दिख रहे थे खाकी वर्दीधारी, मतगणना करने जा रहे कर्मचारी/अधिकारी तो अपने-अपने प्रत्याशी की जीत की उम्मीद लिए एजेंट विधि महाविद्यालय की ओर या फिर आसपास दिख रहे थे। ठीक ढंग से उजाला होना बाकी था, कॉलेज रोड के आसपास कहीं अंधेरा नहीं दिखा। चंद दूरी पर लगे बेरिकेड्स, रोकती-टोकती पुलिस के साथ सन्नाटा था जो दूर तक पसरा दिखा।
कलक्ट्रेट से मानासर, कॉलेज से मूण्डवा चौराहे तक लगभग यही दिखा था। चंद खुली चाय की दुकानों के साथ कुछ दुकानों पर भीड़ जमा थी। इसके अलावा अन्य इलाकों में भी चुनाव परिणाम को लेकर जागती आंखों के साथ जुबान पर अपने-अपने अंदाजे सुनाई दे रहे थे। मानासर पुलिया के पास चाय की दुकान पर बैठे पंडित जी ग्राहकों को चाय तो दे रहे थे पर जो आता उसी से पूछ लेते, क्या काउंटिंग शुरू हो गई? महाराष्ट्र या फिर झारखण्ड चुनाव की क्या स्थिति है? अभी सुबह के सात बजने जा रहे थे। हमेशा की तरह यहां आने वाले ग्राहक अपने-अपने हिसाब से पंडित जी को संतुष्ट करते और फिर आपस में इसी चुनावी चकल्लस में शामिल हो जाते।
यही हाल शहर का था, गांधी चौक, सदर बाजार, अजमेरी गेट, राठौड़ी कुआं आदि इलाकों में भी परिणाम पर चर्चा थी। कहीं चाय पीते-पीते तो कहीं नमकीन खाते-खाते। वैसे भी शनिवार था, सरकारी दफ्तर बंद थे, स्कूल समेत अन्य संस्थान भी वोटिंग के चलते नहीं खुले थे। अधिकांश प्राइवेट दुकानदार भी लगभग छुट्टी जैसे हाल में थे। वो इसलिए भी कि दिन में उनको ग्राहकी की उम्मीद नहीं थी और खुद भी खासतौर पर खींवसर के नतीजे पर नजर जमाए हुए थे। यह हाल नागौर शहर का ही नहीं खींवसर, जायल, मेड़ता समेत अन्य कस्बों का भी रहा।
मोबाइल पर बार-बार सर्च कर रहे थे स्थिति

स्टेशन के पास काका की दुकान पर बैठे अंकित, सुरेश पोलक आदि अपने-अपने मोबाइल पर व्हाट्स एप ग्रुप आ रही लेटेस्ट जानकारी कर दूसरों को भेजने में लगे थे। स्टेशन पर ही नहीं लॉ कॉलेज पर ड्यूटी के दौरान कई पुलिसकर्मी भीतर चल रही मतगणना जानने को इच्छुक दिखे। वो हर किसी से इसकी जानकारी लेते रहे। लॉ कॉलेज में मीडिया सेंटर में जहां बार-बार इस स्थिति को जानने के लिए वहीं ड्यूटी दे रहे लोग आ रहे थे, वहीं अपना-अपना काम देख रहे लोगों के फोन भी इसी जानकारी के लिए घनघना रहे थे।
सवेरे ही आ गए…

पुरुष ही नहीं महिला पुलिसकर्मी भी यहां ड्यूटी देती दिखीं। बातचीत में इनका कहना था कि सवेरे छह बजते-बजते सब पहुंच गए थे। सबका अलग-अलग प्वॉइंट निर्धारित था, हल्ही सर्दी थी तो भी गर्म वर्दी/कपड़े में दिखे। एक पुलिसकर्मी का कहना था कि वैसे तो रिजल्ट आते ही ड्यूटी खत्म है पर कुछ कह नहीं सकते। हो सकता है रात भी हो जाए। यहां मिले भोजन के पैकेट/चाय को देने में कुछ सरकारी कर्ता-धर्ता नजर आए। वैसे जिम्मेदारी रसद विभाग को सौंपी गई थी। इधर जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ही नहीं एसपी नारायण टोगस के इधर-उधर होने की आशंका भर से ही सब चुस्त-दुरुस्त दिखे।
…फिर निकलने लगे, पहुंचे स्कूल

बारह-तेरह राउण्ड के बाद स्थिति रेवंतराम डांगा के पक्ष में दिखने लगी, इधर-उधर हलचल शुरू हुई तो बाहर यह खबर आग की तरह फैली की किसी स्कूल में डांगा अपने समर्थकों के साथ जीत के इंतजार में जश्न की मुद्रा में है। पिछले साल रिजल्ट के बिना ही जश्न शुरू हो गया था। इस बार भी इस स्कूल में लोगों की भीड़ ऐसी उमड़ी की संभालना मुश्किल हो गया। अलग-अलग तरीके से हर कोई बधाई देने यहां पहुंचा। इस भीड़ में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी, पूर्व विधायक मोहनराम चौधरी, डॉ हापूराम चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष रामनिवास सांखला समेत अन्य नेता भी शामिल थे। यहां पटाखों का शोर था तो बधाई देने वालों की भीड़ इतनी कि बहुतों को लम्बा इंतजार करना पड़ा। फिर जीत के उद्घोष के साथ जुलूस विधि कॉलेज पहुंचा।

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