मकराना के भंवरी देवी सोमानी गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल का दसवीं का परिणाम मात्र 34. 03 फीसदी रहा। इसके लिए संस्था प्रधान नीरू को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। प्रदेश के कुल 88 सरकारी स्कूलों का परिणाम पचास फीसदी से कम रहा। कारण बताओ नोटिस जारी कर पंद्रह दिन के भीतर संस्था प्रधान से स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके बाद इनके खिलाफ 17-सीसीए के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इन सवालों के मांगे जवाब संस्था प्रधान को दिए गए नोटिस में कुछ सवालों के जवाब मांगे गए हैं। इसमें विद्यालय में पदस्थापन की अवधि और सत्र में स्वीकृत और रिक्त पदों का विवरण देना होगा। साथ ही संस्था प्रधान को यह भी बताना होगा कि विषय अध्यापकों के रिक्त पद होने पर विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था क्या रही। अतिरिक्त कक्षाओं के साथ रिक्त पदों को भरने के लिए की गई कार्रवाई की भी जानकारी मांगी गई है। इसके साथ पिछले पांच साल के परीक्षा परिणाम भी प्रस्तुत करने को कहा गया है।
पहले से कम पर… सूत्रों के अनुसार वैसे तो जिले में कई स्कूलों का परिणाम पिछले साल के मुकाबले कम रहा पर यह विभागीय मानदण्ड से न्यून नहीं रहा। मकराना के अलावा रियांबड़ी, खींवसर आदि के कुछ स्कूल के परिणाम में पिछले साल के मुकाबले गिरावट आई। यह भी सामने आया कि रिक्त पदों के चलते पढ़ाई ठीक ढंग से नहीं हो पाई। साथ ही संस्था प्रधान ने कोर्स पूरा करने के लिए ना तो कोई वैकल्पिक इंतजाम किए ना ही अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की।
पुरानों का क्या हुआ? सूत्र बताते हैं कि यह तो माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर के सहायक निदेशक ने दसवीं के न्यून परिणाम वाले स्कूलों के लिए नोटिस तलब किया है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है। पिछले साल भी इसी तरह के नोटिस जारी किए गए थे, बावजूद इसके कागजी खानापूर्ति के बाद कम परिणाम पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कुछ पर ही हो पाई। अधिकांश तो अपने पुराने स्थान पर ही बरकरार हैं, खराब परिणाम देने के बावजूद भी।
यह रही जिलों की स्थिति -मानदण्ड से न्यून परिणाम वाले स्कूल-88 -उदयपुर-करौली 11, कोटा 7, पाली 5 तो अलवर, सिरोही और जयपुर चार-चार, भीलवाड़ा-बारां तीन-तीन, सीकर, झुंझुनूं, बीकानेर व राजसमंद दो-दो तो दौसा, गंगानगर, धौलपुर, जोधपुर, बारां, चूरू व नागौर में एक-एक स्कूल का परिणाम न्यूनतम रहा।
इनका कहना दसवीं का न्यूनतम परिणाम देने वाला स्कूल नागौर जिले में एक ही है। उसके संस्था प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हर बार कम परिणाम देने वाले स्कूल के प्रधान पर कार्रवाई की जाती है।
-बस्तीराम सांगवा, एडीपीसी समग्र शिक्षा नागौर