नागौर जिले में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं की संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दस साल में हादसों की संख्या दुगुनी से अधिक हो चुकी है। वर्ष 2013 में 332 सड़क हादसे हुए थे, वहीं वर्ष 2022 में इनकी संख्या 708 हो गई। यानी हर दिन दो हादसे हो रहे हैं और इन सड़क हादसों में हर महीने 37 लोग जान गंवा रहे हैं।
जिले में 10 ब्लैक स्पॉट चिह्नित पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता की ओर से नवम्बर 2022 को एनएचएआई यूनिट अजमेर, एनएचएआई यूनिट सीकर, रिडकोर जयपुर व एनएच नागौर व अजमेर को लिखे गए पत्र में परिवहन विभाग की ओर से बताए गए जिले के कुल 10 ब्लैक स्पॉट को सुधारने के लिए कहा गया। ये ब्लॉक स्पॉट परिवहन विभाग ने वर्ष 2022 में चिह्नित किए, जिनमें एनएच 458 पर दो लंगोड़ व निम्बी जोधा, एनएच 62 पर चार ब्लैक स्पॉट श्रीबालाजी बायपास, अलाय, चुगावास, प्रेमनगर, एनएच 58 पर एक ब्लैक स्पॉट महादेव होटल के पास डांगावास मिलाकर कुल 7 हैं। इसी प्रकार स्टेट हाइवे 7 पर 3 ब्लैक स्पॉट काला भाटा की ढाणी, पलाड़ा व राणासर हैं।
ढाई महीने से चल रही है रोड सेफ्टी ऑडिट हादसों के साथ मौतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने हादसों के कारण ढूंढ़ने के साथ उनमें कमी लाने के लिए रोड सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश फरवरी माह में शुरुआत में दिए थे। पुलिस मुख्यालय यातायात ने वर्ष 2022 में जिन थाना क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 20 या 20 से अधिक हैं, उनका चयन कर रोड सेफ्टी ऑडिट कराने के निर्देश जिला पुलिस अधीक्षक को दिए थे। उसके बाद नागौर एसपी राममूर्ति जोशी ने नागौर के पुलिस उप अधीक्षक यातायात एवं खींवसर, सदर, डीडवाना, लाड़नूं, मौलासर, खुनखुना, मकराना व कुचामन सिटी थानों के रोड सेफ्टी इंचार्ज को रोड सेफ्टी ऑडिट करवाने के निर्देश दिए थे। हालांकि ऑडिट रिपोर्ट 15 फरवरी तक एसपी कार्यालय को भेजनी थी, लेकिन अब तक आरएसआरडीसी व पीपीपी मोड की सड़कों की हो पाई है। पीडब्ल्यूडी की सड़कों की ऑडिट चल रही है।
ये हैं हादसों के प्रमुख कारण विशेषज्ञों के अनुसार सड़क हादसे के मुख्य कारण विकट मोड़, सड़क पर संकेतक नहीं होना, टूटी व ऊंची-नीची सड़क, नियम विरुद्ध बने स्पीड ब्रेकर, चौराहे पर जंक्शन की कमी होना आदि हैं।
रोड सेफ्टी ऑडिट का काम चल रहा है जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार जिले में रोड सेफ्टी ऑडिट का काम चल रहा है, आरएसआरडीसी व पीपीपी मोड की सड़कों की ऑडिट हो चुकी है। अब पीडब्ल्यूडी की सड़काें की चल रही है।
– रविन्द्र कुमार बोथरा, डीएसपी, यातायात, नागौर सुधार का काम एनएच व पीडब्ल्यूडी का हमने जिले में चिह्नित दस ब्लैक स्पॉट की सूची पीडब्ल्यूडी को गत वर्ष ही दे दी थी, इसके बाद पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता ने सम्बन्धित एजेंसी को सुधार के लिए पत्र लिखा था। सुधार तो उन्हीं को करना है।
– सुप्रिया विश्नोई, जिला परिवहन अधिकारी, नागौर