डांगावास से कार-जीप, ट्रैक्टर और बसों में एक हजार लोगों का काफिला भात भरने लाम्बाजाटान पहुंचा। डांगावास निवासी कमेड़िया परिवार के ओंकारराम ने लाम्बाजाटान जाकर अपनी पुत्री के यहां मायरा भरा। यह मायरा लाम्बाजाटान निवासी दयाराम, कैलाश ईनाणियां के यहां पहुंचा। ओंकारराम ने बताया कि उसके संतान के नाम पर एक यह पुत्री ही है। इसलिए भाई मंगलाराम, चेनाराम, परसाराम और भतीजे राजु कमेड़िया सहित परिवार के साथ यह फर्ज निभाया।
कमेड़िया परिवार ने मायरे में 26 लाख रुपए नकदी रखी गई। वहीं 40 तोला सोना दिया, जिसकी बाजार कीमत 32 लाख रुपए है। इसी तरह डेढ़ किलो चांदी (बाजारी कीमत 1.25 लाख) भी दी गई। इसी तरह एक 4 लाख रुपए का ट्रैक्टर भी भात में उपहार स्वरूप दिया गया। इस सबके बीच डांगावास से लाम्बाजाटान पहुंचा वाहनों का काफिला आकर्षण बना रहा।
इस मायरे में 1 हजार से अधिक परिजन, रिश्तेदार एवं ग्रामीण शामिल हुए। डांगावास-लाम्बाजाटान के बीच में आए गांवों से जब कार, जीप, ट्रैक्टर, बस और दुपहिया वाहनों का काफिला निकला तो लोग देखते ही रह गए।