साथ ही यह भी बताया कि इतिहास की पुस्तकों में नागौर के स्थापना का जिक्र आखातीज (अक्षय तृतीया) के दिन का किया हुआ है। इसके बाद शहर के प्रमुख संगठनों एवं समाज के प्रतिनिधियों को बुलाकर उनसे चर्चा करते हुए उन्हें इतिहास से जुड़े तथ्य जुटाने के लिए कहा, ताकि सही तिथि का चुनाव किया जा सके। स्थापना दिवस अभियान में जिला प्रशासन से भी समन्वय बनाया तथा तत्कालीन कलक्टर कुमारपाल गौतम के माध्यम से स्थापना दिवस घोषित करवाने के लिए कमेटी का गठन करवाया। कमेटी की बैठक आयोजित करवाई। कलक्टर की ओर से गठित कमेटी किसी निर्णय पर नहीं पहुंची तो शहरवासियों ने कलक्टर व सभापति को पत्र सौंपे और आखातीज पर मेरा स्थापना दिवस मनाने की मांग रखी। स्थापना दिवस को लेकर शहरवासियों की राय जानने के लिए एक बारगी तो नगर परिषद सभागार में खुली बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न संगठनों एवं समाज के लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। आखिर आखातीज का चयन किया गया। शहरवासियों की मांग एवं पत्रिका अभियान से बने वातावरण के बाद नगर परिषद के तत्कालीन सभापति कृपाराम सोलंकी ने प्रशासनिक कमेटी की बैठक बुलाकर आखातीज को स्थापना दिवस मनाने का निर्णय किया। नगर परिषद की ओर से निर्णय लेने के बाद पत्रिका ने स्थापना दिवस समारोह को तीन दिन तक मनाने के लिए योजना तैयार की तथा अगल-अलग दिन के कार्यक्रम तय कर अलग-अलग समाजों एवं संगठनों को आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी, ताकि पूरे शहर का जुड़ाव हों। तीन दिवसीय समारोह का शुभारम्भ 16 अप्रेल 2018 को मेरे अहिछत्रगढ़ दुर्ग से कलक्टर व सभापति ने शहरवासियों की उपस्थित में गणेश जी की पूजा-अर्जना के बाद ध्वजारोहण से की। पहली बार मेरे स्थापना दिवस पर आयोजित हुए तीन दिवसीय कार्यक्रम ने बड़ी खुशी दी। नगर सेठ बंशीवाला मंदिर में भजन संध्या, किले में फोटो प्रदर्शनी, सूफी साहब की दरगार में कव्वाली व चादर पेश करने का कार्यक्रम, शौकीनों के बीच पतंगबाजी, कलक्ट्रेट से किले तक विरासत यात्रा एवं गांधी चौक में ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। आज राजस्थान पत्रिका की बदौलत मेरे स्थापना दिवस का जश्न मनता देख मुझे और मेरे शहरवासियों को खूब खुशी हो रही।
नागौर आज मनाएगा अपना स्थापना दिवस
अक्षय तृतीया के अवसर पर शनिवार को शहरवासियों की ओर से नागौर का स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर राजस्थान पत्रिका व नगर परिषद की ओर से शाम को सात बजे शहर के ऐतिहासिक जड़ा तालाब के घाटों पर शहरवासियों की ओर से दीपदान किया जाएगा। विभिन्न संगठनों, स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ शहर की महिलाओं एवं युवाओं की ओर से 1100 दीये जलाकर घाटों को रोशन करेंगे।