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Rajasthan: सरकार की इस पहल से किसानों का होगा बड़ा नुकसान, पटवारियों ने दी ये चेतावनी

Nagaur News: राज्य सरकार की ओर से लागू की गई ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था से इस बार भी किसानों का बड़ा नुकसान हो सकता है। अब तक गिरदावरी का 25 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है।

नागौरSep 19, 2024 / 12:53 pm

Nirmal Pareek

Nagaur News: आधी-अधूरी तैयारी और बिना संसाधनों के राजस्थान सरकार की ओर से लागू की गई ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था इस बार भी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। एक महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक गिरदावरी का 25 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। कई बार अवगत कराने के बावजूद मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ (Raj Khasra Girdawari app) में आ रही समस्याओं का समाधान नहीं होने से पटवारियों ने गत 9 सितम्बर से काम बंद कर दिया है और अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
ऐसे में गत वर्ष की तरह इस बार भी फसल बीमा कम्पनी क्रॉप कटिंग को निर्धारित समय के बाद की बताकर आपत्तियां लगाएंगी। इसका सीधा नुकसान किसानों को होगा, जबकि इस बार जिले की नागौर तहसील को छोड़कर अन्य सभी तहसीलों में अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राजस्थान सरकार के मंत्री गिरदावरी करवाने की बात कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर उनके दावे थोथे साबित हो रहे हैं।
गौरतलब है कि गत वर्ष भी पटवारियों की हड़ताल के कारण गिरदावरी व क्रॉप कटिंग समय पर नहीं हो पाई थी, इसके कारण बीमा कम्पनी ने 600 से अधिक दावों पर झूठी आपत्तियां लगा दी, जिसके चलते किसानों को फसल खराबे के बावजूद आज तक क्लेम नहीं मिल पाया।
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पटवारियों ने की ये संसोधन की मांग

पटवारियों का कहना है कि खसरा बफर जोन 50 मीटर से 350 मीटर किया जाए। ऐप की कमजोर क्षमता के कारण गिरदावरी करते समय खसरे में मौजूद होने के बावजूद ‘खसरा की सीमा में नहीं हो’, ‘खसरा की सीमा से 51 मीटर दूर हो’, ‘खसरा की सीमा से नूल मीटर दूर हो’ जैसे मैसेज आते हैं। इसलिए बफर जोन बढ़ने से कार्य की गति बढ़ेगी।
लोकशन डिसेबल का ऑप्शन पटवारी स्तर पर हो, क्योंकि तहसीलदार स्तर से पटवारी को समय पर डिसेबल खसरा की सुविधा नहीं मिल पाती। एक समय में एक ही गांव के खसरे डिसेबल हो सकते हैं। इसलिए पटवारी स्तर पर डिसेबल का ऑप्शन होने से चारदीवारी बनाकर ताला लगा होने से, खेत की तारबंदी में करंट लगा होने से, खेत में पानी भरा होने से, रास्ते के अभाव में, पटवारी डिसेबल कर उसकी गिरदावरी कर सकता है।
खेत के भीतर जाकर गिरदावरी करने से महिला पटवारी के लिए विभाग स्तर से आवश्यक दिशा निर्देश जारी हो। ऐप की क्षमता बढ़ाई जाए, ताकि कार्य त्वरित गति से किया जा सके। प्रदेश में जितने पटवारी हैं, उनकी तुलना में ऐप की क्षमता आधी भी नहीं है।
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हम हड़ताल को मजबूर

राजस्थान पटवार संघ के नागौर जिलाध्यक्ष बद्धाराम जाजड़ का कहना है कि, समय पर गिरदावरी व क्रॉप कटिंग करना किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐप में आ रही समस्याओं का समाधान एक महीने बाद भी नहीं किया गया है। न तो ऐप की क्षमता बढ़ाई जा रही है और न ही बफर जोन बढ़ाया जा रहा है। इसके कारण काम की गति बहुत धीमी है और छह महीने ही गिरदावरी का काम पूरा नहीं हो पाएगा। बार-बार अवगत कराने के बावजूद समाधान नहीं होने पर हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।

कलक्टर को लिख चुके हैं पत्र, समाधान नहीं

ऑनलाइन गिरदावरी व क्रॉप कटिंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए पटवारियों को संसाधन उपलब्ध कराने के लिए जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने राजस्व मंडल के निबंधक को 24 जुलाई को पत्र लिखा, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। ‘राज खसरा गिरदावरी’ ऐप में आ रही समस्याओं के सुधार के लिए भू-प्रबंध आयुक्त को कलक्टर पुरोहित ने 2 सितबर व 11 सितम्बर को पत्र लिखा था। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ।
कलक्टर ने पत्र में बताया कि ऐप में मौके पर ऑनलाइन गिरदावरी करते समय प्रमुख समस्या ऐप की धीमी प्रोसेसिंग है, जैसे प्लीज वेट, ‘आप खसरा सीमा में नहीं हैं’, ‘कृपया खसरा सीमा में गिरदावरी करें’, ‘आपका स्थान निकटतम सीमा से नूल मीटर दूर है’ आदि एरर प्रदर्शित होते हैं। गिरदावरी ऐप एक खसरे की गिरदावरी में तीन बार लोकेशन लेता है, जिससे ऐप लोकेशन दूंढने में आवश्यकता से अधिक समय ले रहा है। खसरा गिरदावरी करने पर लोकेशन के लिए संबंधित नक्शे पर नक्शा न खुलकर खाली पेज खुलता है, जिससे संबंधित खसरा नम्बर की लोकेशन प्राप्त नहीं हो पा रही है।

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