बिपरजॉय तूफानः बच्चों की भूख की तड़प… मां भूख लागी है, की खावा नै दे कोनी
चाय के प्याले में तूफान
स्टेशन के पास काका की दुकान हो या फिर सर्किट हाउस के पास की थड़ी। आमदिनों की तरह भीड़ नहीं थी पर जो भी दिखे बस तूफान/मौसम के बारे में बात करते दिखे। गुजरात रहे गज्जू सेठ से वीडियो कॉल के जरिए वहां के नुकसान की पूछताछ करते रहे तो कुछ अपने-अपने अंदाजे से यह बताने में जुटे रहे कि नागौर तक आते-आते तो तूफान की रफ्तार वैसे भी कम हो जाएगी। बारिश जरूर हो सकती है। इस तरह चाय के प्याले में तूफान का असर दिखाई दिया। इन दुकान पर मिले ज्ञानेश, साजिद ही नहीं सुरेश, सुनील तक इन्हीं बातों में मशगूल दिखे।