ताउसर निवासी पीडि़त शिव भगवान सोनी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसका पहला विवाह 2012 में हुआ था। आपसी मनमुटाव के चलते उससे तलाक ले लिया। वर्ष 2019 में इंद्रा कॉलोनी निवासी रामकिशोर सोनी व अन्य परिजन उनके पास आए और उनकी पुत्री दुर्गा को अविवाहित बताते हुए शादी का प्रस्ताव दिया। सगाई-विवाह तय हो ही रहा था कि बीच में कोरोना आ गया। इस पर ये लोग आए और बोले कि बिना समारोह के ही दुर्गा का विवाह करके भेज देंगे, जेवर चढ़ा दो। इस पर उसके पिता नंदकिशोर ने सोने की अंगूठी/हार समेत करीब तीन तोला सोने व तीन सौ ग्राम चांदी के जेवरात, साडिय़ां व अन्य सामान उन्हें दे दिया। अप्रेल 2020 में एक बच्चे के साथ दुर्गा आई, उनके दिए जेवर भी उसने नहीं पहने थे। बच्चे के बारे में भी झूठ बोल दिया। कुछ दिन में पता चला कि दुर्गा शादीशुदा है और यह बच्चा भी उसी का है।उसका विवाह किशनगढ़ निवासी राजेंद्र सोनी से हो चुका था। उससे कोई तलाक भी नहीं हुआ। कुछ दिन पहले दुर्गा उसके घर आ गई और जेवरात वापस मांगने पर सबको जेल डलवाने की चेतावनी दी। उसने दस लाख रुपए नहीं देने पर झूठा मामला दर्ज कराकर अंदर करवाने की भी धमकी दी। एसपी को दिए परिवाद के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।