दरअसल, थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मोहल्ला स्तिथ सरवट के मदरसा महमुदिया (Madrasa Mahmoodiya) में जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiyat ulma-e-hind) मुज़फ्फरनगर के द्वारा एक कैम्प का आयोजन किया गया। इस दौरान जमीयत उलेमा से जुड़े समस्त कार्यकर्ता और सामाजिक लोग मौजूद रहे। इस कैम्प के मुख्य अतिथि सूबे के सदर हजरत सैय्यद मौलाना अशद रशीदी ने की। उन्होंने अपनी बातों को बड़े ही एहतेराम के साथ लोगों सामने रखी। इस कैम्प के दौरान बताया गया कि समाज के अंदर कैसे सुधार पैदा किया जा सकता है। देश में हिन्दू और मुस्लिम आपस में प्यार के साथ कैसे रहे। इसी बात को ध्यान में रखकर जमीयत ने इस कार्यक्रम किया था।
हजरत सैय्यद मौलाना अशद रशीदी ने बताया कि जमीयत का यह कार्यक्रम पूरे मुल्क में चल रहा है, क्योंकि मुल्क हिन्दू और मुस्लमान के साथ मिलकर ही तरक्की कर सकता है। इस दौरान बताया गया कि हमारे 5 मुद्दे हैं। इन मुद्दों को लेकर ही यहां हम सब एकत्रित हुए हैं, जिसमें पहला मुद्दा है नशा। इस वक्त हमारे समाज का युवा तबका नशे की तरफ खिंचा जा रहा है। इसलिए हमें प्रयास करना चाहिए कि हम आज की इस युवा पीढ़ी को नशा से कैसे रोके। दूसरा मुद्दा है वोट का। कोई भी व्यक्ति अपनी माँ के पेट से राजा, महाराजा बनकर पैदा नहीं होता है। उसे हम लोग ही राजा महाराजा बनाते हैं और सिर्फ और सिर्फ वोट के आधार पर आज के वक्त में यह सब हो रहा है।
इसलिए हमारा इस बात पर भी जोर है कि जिस भाई की अभी तक वोट नहीं बनी हुई है वो अपने नजदीकी बूथ पर जाकर अपनी वोट बनवा लें, क्योंकि अब भी सरकार के द्वारा वोट बनाने का कार्य चल रहा है। जमीयत ये चाहती है कि जमीयत की तरफ से एक इंटर कॉलेज खोला जाए, समाज सुधार का कार्य जमीयत उलेमा के द्वारा पहले से ही किया जाता रहा है और आज भी जारी है। हमारी इस जमीयत उलेमा का ज्यादा से ज्यादा पर्यास रहता है कि इस मुल्क के अंदर समाज सुधार के कार्य किये जाएं ओर हिन्दू-मुस्लिम प्यार व मोहब्बत के साथ रहे।