इस बात की जानकारी बीएमसी की उपायुक्त (घनकचरा) चंदा जाधव ने दी। उपायुक्त चंदा जाधव ने बताया कि यह नियम सभी 24 वॉर्डों में लागू किया जाएगा। इसके लिए न्यूसेंस डिटेक्टर (बीएमसी स्टाफ) की सर्विस ली जाएगी जो सभी वॉर्डों में रहते हैं। मुंबई में ज्यादातर लोग सुबह और शाम को अपने पालतू कुत्ते के साथ घूमने निकलते हैं। इस दौरान उनलोगों पर खास ध्यान दिया जाएगा।
बता दें कि बीएमसी ने मुंबई में आवारा कुत्तों के खिलाफ कई अभियान चलाती है। जिसमें मिशन रेबीज फ्री, नसबंदी जैसे अभियान शामिल हैं। लेकिन पालतू कुत्तों के चलते फैलने वाली गंदगी को सोसायटी से लेकर सड़क, पार्क और चौपाटी तक लोग सहन करते हैं। मुंबई में कुत्तों के मालिक सुबह और शाम घुमाने के बहाने उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर ले जाते हैं। जहां कुत्ते शौच करते हैं जिससे आसपास गंदी बदबू फैलती है। इसकी वजह से कई बार आम लोगों और कुत्ता मालिक के बीच विवाद भी पैदा हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए बीएमसी ने पालतू कुत्तों पर नजर रखने और दंड लगाने का निर्णय लिया है।
मुंबई में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और खुले स्थानों पर टॉयलेट करने से रोकने के लिए बीएमसी ने क्लीनअप मार्शल भी नियुक्त किए थे। मार्शल कोरोना काल के दौरान थूकने, बिना मास्क के लोगों से 200 रुपए दंड वसूल रहे थे। लेकिन क्लीनअप मार्शल का कॉन्ट्रैक्ट मार्च में ही खत्म हो गया। जल्द ही क्लीनअप मार्शल की नियुक्ति कर पालतू कुत्तों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।